*रिपोर्टर रतन गुप्ता*
*लॉकडाउन की वजह से बाजार, शापिंग माल व व्यापारिक प्रतिष्ठान 22 मार्च से बंद है। ऐसे में दोहरी मार झेल रहे मण्डल के सवा लाख कामर्शियल उपभोक्ताओं को पावर कारपोरेशन ने बिजली बिल के फिक्सचार्ज में छूट देकर राहत दी है।*————————————————-
*कार्मशियल कनेक्शनों पर अब तक प्रति किलोवाट 330 रुपये फिक्स चार्ज लगता था। इसमाह के बिल में फिक्सचार्ज का 2/3 ही देना पड़ेगा। न्यूनतम खपत चार्ज (एमसीजी) को लेकर बिजली अभियंता मंथन कर रहे है। एमडी के पत्र में एमसीजी को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं होने के कारण अबतक जोन के सवा* लाख *कामर्शियल कनेक्शनों का बिजली बिल नहीं बन सका है। सिर्फ घरेलू व निजी नलकूप श्रेणी के कनेक्शनों पर तीन माह के औसत बिजली खपत के मुताबिक बिजली बिल जनरेट हुआ है।*
*दरअसल, लाकडाउन के मद्देनजर पावर कारपोरेशन के एमडी एम देवराज ने प्रदेश के सभी जोन के मुख्य अभियंताओं को पत्र भेजकर कहा है कि कोविड-19 की महामारी के चलते केन्द्र सरकार ने लाकडाउन लगा दिया है। ऐसे में एलएमवी- एक व एलएमवी-5 श्रेणी के कनेक्शनों पर तीन माह के औसत बिजली खपत के आधार औसत रीडिंग का इस माह बिजली बिल बनाया जाए। वाणिज्यिक व औद्योगिक श्रेणी यथा एलएमवी-दो , एलएमवी-4 व एचवी-एक, एचवी- दो श्रेणी के बिजली बिल वास्तविक खपत के आधार पर बनाए जाए। उपरोक्त श्रेणी के अप्रैल माह के बिल में फिक्सचार्ज का 2/3 ही लिया जाए। यानि उपभोक्ताओं को प्रतिकिलोवाट 220 रुपये की छूट मिलेगी। हालांकि चार किलोवाट के कनेक्शनधारकों को प्रतिकिलोवाट 390 रुपये फिक्सचार्ज में 260 रुपये की छूट मिलेगी।*
लॉकडाउन के कारण प्रतिष्ठान बंद होने के कारण कारोबार के साथ ही बिजली इस्तेमाल भी ठप है। ऐसे में इन उपभोक्ताओं के बिल में सिस्टम एमसीजी भी चार्ज करेगा। बिजली अभियंताओं का कहना है कि एमडी ने अपने आदेश में एमसीजी का कोई उल्लेख नहीं किया है। उसे लेना है या नहीं। इस सम्बन्ध में दिशा-निर्देश का इंतजार है। यही वजह है कि जोन में किसी भी कामर्शियल कनेक्शन पर अबतक बिजली बिल जनरेट नहीं हुआ है। जबकि घरेलू व निजी नलकूप श्रेणी के कनेक्शनों पर बिल बन गया है। नगरीय वितरण खण्डों के अभियंताओं का कहना है कि उपर से नया दिशा-निर्देश आने के बाद अब बिल बनाया जाएगा।
क्या है एमसीजी
बिजली अभियंताओं के मुताबिक एलएमवी टू श्रेणी के कनेक्शनों पर प्रतिकिलोवाट फिक्सचार्ज के साथ ही एमसीजी भी चार्ज होती है। अप्रैल से सितम्बर तक 600 रुपये प्रतिकिलोवाट व अक्तूबर से मार्च तक 475 रुपये प्रतिकिलोवाट लिया जाता है। यदि कामर्शिलय कनेक्शन पर किसी माह एक भी यूनिट बिजली का इस्तेमाल नहीं होता है तो उपभोक्ता से उपरोक्त दर के हिसाब से एमसीजी प्रतिकिलोवाट वसूला जाता है।
ऐसे लगता है फिक्स चार्ज
किलोवाट फिक्सचार्ज
दो किलोवाट तक 330 रुपये प्रति किलोवाट
दो केवी से 4 केवी तक 290 रुपये प्रति किलोवाट
5 किलोवाट या अधिक 450 रुपये प्रति किलोवाट
एमडी ने कामर्शिलय कनेक्शनों के बिजली बिल में इस माह फिक्सचार्ज में छूट देने का निर्देश दिया है। हालांकि न्यूनतम खपत चार्ज (एमसीजी) के बारे में कोई स्पष्ट निर्देश नहीं आया है। यही वजह है कि अबतक कामर्शियल कनेक्शनों पर बिल नहीं बना है। 14 को लाकडाउन की अवधि खत्म होने वाली थी। लेकिन अब 3 मई हो गई।
ई. एमएन गोयल, अधीक्षण अभियंता कामर्शियल, पूर्वांचल वितरण निगम वाराणसी
जोन के विभिन्न मण्डलों में कामर्शियल कनेक्शनों की संख्या
वितरण मण्डल उपभोक्ताओं की संख्या
नगरीय मण्डल 35 हजार
ग्रामीण मण्डल प्रथम 15 हजार
ग्रामीण मण्डल द्वितीय 12 हजार
महराजगज मण्डल 18 हजार
देवरिया मण्डल 20 हजार
कुशीनगर मण्डल 19 हजार
बड़े कनेक्शनों की होगी एमआरआई
बिजली निगम बड़े औद्योगिक कनेक्शनों के मीटरों की एमआरआई करने के लिए बिलिंग कंपनी के कर्मचारियों का ई पास बनवाने के लिए आवेदन किया है। यदि जिला प्रशासन ने अनुमति दी तो दो दिन बाद बड़े कनेक्शनों पर बिल बनेगा। अन्यथा की स्थिति में मई माह में ही बिल बनेगा। **************************************