महाराष्ट्र दंगल में फाईनल जीत
*महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार ने विश्वास मत जीत लिया है। फ्लोर टेस्ट में सरकार के पक्ष में 169 विधायकों ने समर्थन किया है। शनिवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी की ओर से इसका विरोध किया गया। कार्यवाही के दौरान सदन में बीजेपी विधायकों की ओर से नारेबाजी की गई। खुद पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नियमों के खिलाफ विधानसभा सत्र बुलाया गया। उन्होंने और भी कई मुद्दों को सदन में उठाया लेकिन विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर ने उनके सवालों के जवाब दिए। इसके बाद विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर ने फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया शुरू की। कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने विधानसभा में विश्वास मत रखा। वहीं बहुमत परीक्षण के दौरान बीजेपी विधायकों ने सदन से वॉक आउट कर दिया।*
*उद्धव सरकार के पक्ष में 169 विधायक*
उद्धव ठाकरे की सरकार ने फ्लोर टेस्ट जीत लिया है। कुल 169 विधायकों ने सरकार का समर्थन किया है। बहुमत परीक्षण के दौरान विधायकों ने एक-एक कर खड़े होकर सरकार के सपोर्ट में आवाज बुलंद की। इस दौरान जानकारी मिल रही है कि कुल 4 विधायकों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया है। जानकारी के मुताबिक, राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस के एक विधायक ने वोटिंग नहीं की। वो तटस्थ ही रहे।
*फ्लोर टेस्ट के दौरान बीजेपी ने किया वॉकआउट*
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने भले ही विश्वास मत हासिल कर लिया है, दूसरी ओर बीजेपी की ओर से लगातार विधानसभा सत्र को लेकर सवाल उठाए गए। दिग्गज बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नियमों के खिलाफ विधानसभा सत्र को बुलाया गया। मंत्रियों ने गलत तरीके से शपथ ग्रहण किया। वंदे मातरम् से सत्र की शुरुआत क्यों नहीं हुई। यही नहीं देवेंद्र फडणवीस ने ये भी कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होने तक बहुमत परीक्षण नहीं हो सकता। उन्होंने ये सवाल उठाया कि आखिर प्रोटेम स्पीकर बदलने की क्या जरूरत थी।
*MNS समेत कुल 4 विधायकों ने नहीं की वोटिंग *
*इसके बाद प्रोटेम स्पीकर ने फडणवीस की ओर से उठाए सवालों पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के आदेश से मैं इस पद पर हूं। सुप्रीम कोर्ट ने जल्द से जल्द बहुमत साबित करने का आदेश दिया था, जिसके बाद ये फ्लोर टेस्ट रखा गया। बता दें कि इसके पहले, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने गठबंधन सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 3 दिसंबर तक का वक्त दिया था। शुक्रवार को एनसीपी के वरिष्ठ नेता दिलीप वलसे पाटिल को विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर चुना गया था, बीजेपी ने इस पर भी आपत्ति जताई है।