*गोरखपुर जोन के बार्डर इलाके में कोई अफवाह न फैले इसको लेकर जोन के एडीजी दावा शेरपा ने कमान संभाल ली है*
*भारत-नेपाल की 396 किलोमीटर लम्बी सीमा पर पुलिस सतर्क, चौकसी बढ़ी*
*रिपोर्टर रतन गुप्ता*
*उत्तराखंड में कालापानी को लेकर नेपाल और भारत के बीच जो विवाद चल रहा है, उसकी वजह से उत्तर प्रदेश में भी कहीं तनाव न फैले इसके लिए पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है. गोरखपुर जोन में सबसे लम्बी सीमा भारत और नेपाल की लगती है. 396 किलोमीटर लम्बी सीमा पांच जिलों से होकर गुजरती है, जिसमें सिद्धार्थनगर के बढ़नी और महराजगंज के सोनौली बार्डर पर लोगों के साथ मालवाहक वाहन भी जाते हैं*.
*नेपाल के लिए इन्हीं बॉर्डर से पेट्रोलियम पदार्थ भी भेजा जाता है. गोरखपुर जोन के बार्डर इलाके में कोई अफवाह न फैले इसको लेकर जोन के एडीजी दावा शेरपा ने कमान संभाल ली है. वो खुद लागातर बॉर्डर एरिया में भ्रमण शील हैं. साथ ही जोन के सभी रेंज आईजी, डीआईजी के साथ सीमा से सटे जिलों के एसपी को निर्देश दिया है कि वो बार्डर पर विशेष नजर बनाये रखें*.
*यूपी पुलिस के अधिकारी और नेपाल पुलिस के अधिकारी लगातार एक दूसरे से बात कर रहे हैं, जिससे किसी भी तरह की कोई अफवाह न फैलने पाये. पिछले दिनों जिस तरह से खिरी जिले में एक पिलर को लेकर अफवाह फैली, उस तरह की अफवाह को रोकने की चुनौती दोनों तरफ के पुलिस की है. एडीजी दावा शेरपा कहते हैं कि कुछ उत्तेजनाएं दोनो तरफ हैं, पर हम लोग सतर्क है. लगातार भ्रमणशील है. साथ ही स्थानीय लोगों से बातचीत भी कर रहे हैं. किसी तरह की कोई अफवाह न फैलने पाये इस पर भी लगातार काम कर रहे हैं*.
*नेपाल के अधिकारियों के साथ भी संपर्क में है जिससे कोई आवेश में आकर ऐसा न करें जिससे अशांति पैदा हो. शरारती तत्व, देशविरोधी तत्व इस समय मौजूदा तनाव का फायदा न उठा पायें इसके लिए बार्डर की पुलिस फोर्स को सतर्क कर दिया गया है. नेपाल के अधिकारियों के साथ मीटिंग हुई है. दोनो देशों के अधिकारी इस बात पर सहमत हैं कि अगर लगातार बात होती रही तो अफवाह नहीं फैलेगी.
*भारत और नेपाल के बीच लगी इस लंबी खुली सीमा के दोनों तरफ लोग आसानी से आते जाते हैं. बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जिनकी खेती नेपाल में है और वो भारत में रहते हैं या फिर उनकी खेती भारत में है और वो नेपाल में रहते हैं. दोनो तरफ की रिश्तेदारियां हैं. आपस में रोटी बेटी का संबंध है. ये संबंध मजबूत बना रहे इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है*.