*भारत नेपाल बाडर के एक गावँ. मे रह रहे है फंसे फ्रांसीसी परिवार एक मन्दिर मे रोज करते.है पूजा पाठ, पूजा-मंत्रोच्चार*

*फ्रांस का एक परिवार चार पहिया वाहन पर बहुराष्ट्रीय यात्रा पर निकला, लेकिन कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन (Lockdown) घोषित होने से भारत में ही फंस गया. इस परिवार ने भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म को अपना लिया है*

*सुबह.साम रोज कहते है सीता राम सीता राम राम राम हरे हरे*

*रिपोर्टर रतन गुप्ता*

*भारत नेपाल बाडर के एक गाव मे रह रहे है महिनो से फ्रांस का एक परिवार चार पहिया वाहन पर बहुराष्ट्रीय यात्रा पर निकला, लेकिन कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन (Lockdown) घोषित होने से भारत में ही फंस गया. इस परिवार ने भारतीय संस्कृति (Indian Culture) और सनातन धर्म (Sanatan Dharma) को अपना लिया है*.

*एसडीएम नौतनवा जसवीर सिंह ने बताया कि पैलारेज पैट्रिस फ्रांस के तोउलूसे शहर के नागरिक हैं और उनके साथ उनकी पत्नी वर्जिनी, बेटियां ओफेली और लोला तथा बेटा टॉम हैं. वे फरवरी से ही यात्रा कर रहे हैं. जब वे नेपाल में प्रवेश करने वाले थे, तभी लॉकडाउन के कारण सीमाएं सील हो गईं. फिर वे लक्ष्मीपुर वन के निकट गांव के मंदिर में ही रुक गए. प्रशासन उन्हें अनाज और अन्य आवश्यक वस्तुएं मुहैया करा रहा है.*

*नियमित रूप से पूजा-पाठ करता है पूरा परिवार*

*यह परिवार 21 मार्च से महाराजगंज जिले के सिंघोरवा गांव में शिव रामजानकी मंदिर के पास ठहरा है. पूरा परिवार नियमित रूप से पूजा-पाठ करता है. सनातन धर्म के बारे में सीख रहा है और इस धर्म का भविष्य में पालन करने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त कर रहा है. मंदिर के पुजारी उदयराज बताते हैं कि परिवार हाथ जोड़कर सबसे राम-राम और सीता-राम कहता है.*

*शाकाहार को अपनाया*
*ये लोग सूर्योदय और सूर्यास्त के समय मंदिर में रोज आते हैं और मंत्रोच्चार करने के साथ ईश्वर की आराधना करते हैं. वे अब शाकाहारी भोजन करते हैं. उन्हें मांसाहारी खाने की बजाय दाल, चावल और रोटी पसंद है. प्रभु के प्रति उनका समर्पण अचंभित करता है. वे रोज ‘ओम नम: शिवाय’ का जाप करते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे दुनिया से कोविड-19 महामारी को समाप्त करें.**

*पुजारी ने कहा कि शुरुआत में हालांकि यह परिवार हम लोगों के साथ घुल-मिल नहीं पा रहा था, लेकिन अब उन्होंने भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म अपना लिया है और अब वे गांव का हिस्सा बन गए हैं. पड़ोस के गांव का संजय अंग्रेजी में इस परिवार से बात करता है. संजय बताते हैं कि परिवार कहता है कि वे अपने घर वापस लौटने के बाद भी शिव जी, पार्वती जी, गणेश जी और हनुमान जी की आराधना जारी रखेंगे*.

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