*आज दिनांक 23 मार्च 2020 को छात्र संगठन एसएफआई और भारत की जनवादी नौजवान सभा ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु ,सुखदेव की शहादत दिवस पर जिला पंचायत स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण किया*

संवाददाता श्याम निगम

नौतनवा/महराजगंज:भारत की जनवादी नौजवान सभा के जिला उपाध्यक्ष शशांक पाण्डेय ने कहा कि भगत सिंह क्रांतिकारी आंदोलन से जुड़े होने के साथ-साथ एक बेहतरीन लेखक और पत्रकार भी थे ।भगत सिंह के द्वारा लिखी हुई तमाम पत्र पत्रिकाएं आज के छात्रों और युवाओं को पढ़नी चाहिए । इंकलाब जिंदाबाद का नारा बुलंद करने वाले इन महान क्रांतिकारियों ने उसी समय चेतावनी दी थी कि गोरे अंग्रेज तो चले जाएंगे और उनकी जगह काले अंग्रेज बैठ जाएंगे। क्रांतिकारियों की यह चेतावनी आज सत्य साबित हुई है देश में चौतरफा बेरोजगारी है सरकारी नौकरियों पर रोक लगी हुई है लगभग सभी कारखाने बंद हो रहे हैं कुल मिलाकर देश में आम मेहनतकश की हालत बहुत खराब है ।ऐसी भयानक हालत में गोरे अंग्रेजों की तरह यह काले अंग्रेज भी फूट डालो राज करो की नीति पर ही चल रहे हैं ।
इसी क्रम में एसएफआई के जिला सचिव सौरभ मिश्र ने कहा कि भगत सिंह ने 1928 में सांप्रदायिक दंगे उनका इलाज लिखा जो उस समय किरती नामक पत्रिका में छपा था जिसमें उन्होंने लिखा कि 1914 के शहीदों ने धर्म को राजनीति से अलग कर दिया था वह समझते थे कि धर्म व्यक्ति का व्यक्तिगत मामला है ।इसमें दूसरे का कोई भी दखल नहीं होना चाहिए ना ही इसे राजनीति में घुसाना चाहिए। इसलिए गदर पार्टी जैसे आंदोलन एकजुट एकजान रहे ,जिसमें हिंदू मुसलमान सिख इसाई ने बढ़-चढ़कर अपनी कुर्बानिया दी।
हमारा संगठन भगत सिंह को अपना आदर्श मानता है और देश के तमाम युवा भगत सिंह को अपना हीरो मानते हैं इसलिए हमारा संगठन यह मांग करता है कि शहीद भगत सिंह को आधिकारिक तौर पर शहीद का दर्जा दिया जाय । भगत सिंह के लेखों को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल किया जाय और कम से कम एक केंद्रीय विश्वविद्यालय भगत सिंह के नाम से खोला जाय । कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष सैफ़ हामिद अली खान , सुनील यादव, आदित्य, नीरज, वीरेंद्र यादव , गुड्डू, विकास ,राहुल आदि लोग मौजूद रहे ।

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