*रिपोर्टर रतन गुप्ता.सोनौली./नेपाल /3अक्टुबर 2019*
*इंटरनैशनल गैंग के सरगना शरद गोस्वामी को उसके छह साथियों के साथ मेरठ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।* *उनके पास से पुलिस ने लगभग एक करोड़ मूल्य के मोबाइल और लौपटॉप बरामद किए हैं। 10वीं पास शरद गोस्वामी ने इस घंधे में कुछ ही समय में करोड़ों रुपये बनाए हैं।* शरद के गैंग के करीब 100 सदस्य पूरे देश में फैले हुए हैं,लेकिन किसी भी सदस्य को उसके घर का पता नहीं मालूम था। पुलिस को शरद, उसकी पत्नी और मां के बैंक अकाउंट में पिछले 15 महीने में 3 करोड़ 35 लाख रुपये के लेन देन की जानकारी मिली है।
मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने *बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि शरद गोस्वामी पिछले पांच साल से ठक-ठक गैंग चला रहा था। उसके तार बैंकाक, नेपाल और चीन समेत अन्य कई देशों से जुड़े हुए थे। शरद ने पूरे देश में करीब 100 लोगो का एक गैंग बना रखा था। आंध प्रदेश, हरियाणा तेलांगाना और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों से उसके साथी मोबाइल और लैपटॉप लूट कर दिल्ली में जमा किया करते थे।*
कुमार के मुताबिक देश भर से प्रतिदिन करीब 60 से 80 मोबाइल लूटे जाते थे। बाद में उन मोबाइल को लेकर गिरोह के सदस्य मेरठ बाइपास पहुंचते थे और वॉट्सऐप कॉल कर शरद को बुलाकर उसे सौंप देते थे। शरद किसी भी साथी को अपने घर नहीं ले जाता था। इसके बाद शरद उन मोबाइल का लॉक खोल कर सौ मोबाइल का एक पैकेट बनाया करता था। दो- तीन हजार मोबाइल हो जाने पर वह उन्हें मुंबई में अपने साथी नदीम के पास रेलवे से पार्सल के द्वारा भेज दिया करता था।*
*हथियार और दो कार भी जब्त*
*नदीम कुछ मोबाइल अपने शोरूम में बेच देता था और कुछ को नेपाल, बैंकाक, चीन आदि देश भेज देता था। माल बिकने पर पैसा वह शरद, उसकी पत्नी और मां के अकाउंट में भेज दिया करता था। पुलिस ने मेरठ निवासी शरद गोस्वामी को उसके साथियों इरफान,अमित* *गोस्वामी,अमरीश,शलभ,आकिब और आलिब के साथ गिरफतार कर लिया है। गैंग के कब्जे से 280 मोबाइल और 6 लैपटॉप बरामद किए हैं। इसके अलावा पुलिस ने इनके पास से एक लाइसेंसी बंदूक, एक तमंचा, 20 कारतूस और दो कार भी जब्त की है। शरद के अन्य साथियों की तलाश की जा रही है*।
*पूर्व क्रिकेटर की पत्नी से मोबाइल की लूट*
एडीजी ने बताया कि जनवरी में शरद गोस्वामी ने पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी मनोज प्रभाकर की पत्नी से मैक्स अस्पताल के पास मोबाइल लूटा था। मुकदमा दर्ज होने पर उसने मनोज प्रभाकर की पत्नी और केस की जांच कर रहे आईओ को धमकी भी दी थी। इसके अलावा इस गैंग ने नोएडा से मई महीने में ओपो कंपनी के 1400 मोबाइल से भरा कैंटर भी लूट लिया था। शरद गोस्वामी ने इस धंधे के गुर बिलाल से सीखे थे। बिलाल के साथ शरद 500 रुपये की दिहाड़ी पर काम करता था। बिलाल की हत्या के बाद शरद ने उसके गैंग की कमान संभाली थी।
*इस तरह पुलिस गिरफ्त में आया गोस्वामी*
*पुलिस का कहना है कि चार सितंबर को माधवपुरम में अनीस उर्फ काला व इरफान उर्फ लाला के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ में अनीस, इरफान के पैर में गोली लगी थी। इस मुठभेड़ को फर्जी बताकर माधवपुरम निवासी शरद गोस्वामी ने 28 पुलिसवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए 20 सितंबर को कोर्ट में अर्जी दायर की। पुलिस ने पता कराया कि शरद गोस्वामी कौन है तो वह पुराना बदमाश निकला। उसके खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश के विभिन्न थानों में 25 से ज्यादा मुकदमे हैं।*
*खुद अपनी जाल में फंस गया शरद*
दरअसल, पुलिस के खिलाफ याचिका दायर करने के पीछे बदमाश शरद की मंशा गिरोह को सुरक्षित करने की थी। शरद मानता था कि मामला कोर्ट में जाते ही पुलिस उसका पीछा खत्म कर देगी, क्योंकि मुठभेड़ में घायल बदमाश शरद के ही गैंग के थे। लेकिन इस मामले में शरद की चाल उल्टी पड़ी और वह अपने जाल में खुद फंस गया। कोर्ट में याचिका दायर होते ही पुलिस शरद को लेकर एक्टिव हो गई और उसपर शिकंजा कसता चला गया। पुलिस ने शरद की क्राइम हिस्टी खंगाली तो पता चला कि वह अंतरराज्यीय गैंग चला रहा है। उसकी पत्नी समेत कई महिलाएं भी गैंग में हैं। पुलिस का कहना है कि गैंग के बदमाशों के दूसरे शहरों में पकड़े जाने पर वहां इनके लिए कानूनी लड़ाई लड़ने वालों को भी शरद तैयार रखता था। लूट की रकम का पैसा इसके लिए बचाकर रखता था।*************************************