*निचलौल, महाराजगंज*
वैश्विक महामारी करोना में जहां सरकार के सामने श्रमिकों और गरीब मजदूरों को आर्थिक रूप से सक्षम करने की जिम्मेदारी आ पड़ी है वहीं कुछ उदासीन और लापरवाह पंचायती राज व्यवस्था कर्मियों के कारण सरकार के मंसूबों पर पानी फिरता नजर आ रहा है एक तरफ सरकार जहां हजारों करोड़ का पैकेज देकर मनरेगा के काम पर प्राथमिकता दे रही है वहीं दूसरी तरफ कुछ जनप्रतिनिधियों और ब्लॉक कर्मियों की घोर लापरवाही की वजह से श्रमिक दर भटकने को मजबूर हो रहे हैं
एक ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के जनपद महाराजगंज के निचलौल ब्लाक अंतर्गत ग्राम सभा हरगांवा में में देखने को मिला जहां न्यूज़ टीम की पड़ताल में बड़ा ही दयनीय स्थिति मनरेगा मजदूरों की निकलकर सामने आई
मनरेगा मजदूर दीप चंद्र मद्धेशिया और सराउद्दीन आदि लोगों ने न्यूज़ टीम के साथ अपने दर्द को साझा करते हुए बताया कि साहब हम सिर्फ काम कर रहे हैं हमें मजदूरी नहीं मिल पा रही है अगर ग्रामीणों की माने तो इस पूरे मामले में ग्राम सचिव सहित ग्राम प्रधान और रोजगार सेवक की महत्वपूर्ण भूमिका है
अब देखना यह है कि न्यूज़ टीम के माध्यम से प्रकाशित इस खबर को संज्ञान में लेकर क्या उच्च अधिकारी इस पर कोई जांच बैठा पाते हैं या फ़िर सरकार की श्रमिकों को मजबूत करने की योजना धराशाई होकर रह जाती है
आपको बताते चले कि अभी हाल ही के दिनों में निचलौल तहसील अंतर्गत सिसवा क्षेत्र के एक ग्राम सभा में ग्राम सचिव समेत कई लोग घपले बाजी के मामले में निलंबित हुए थे जिसमें मनरेगा कार्य प्रमुख था ऐसे में सवाल उठता है कि जनपद महाराजगंज के तेजतर्रार जिला अधिकारी डॉ उज्जवल कुमार के लाख सख्ती के बावजूद क्या ऐसे भ्रष्ट ग्राम प्रधान और ग्राम सचिवों पर कार्रवाई हो पाएगी ? इनमें क्या कोई सुधार हो पाएगा यह बड़ा प्रश्न चिन्ह बना हुआ है ?
सूरज मद्धेशिया निचलौल की रिपोर्ट