निचलौल(महराजगंज)सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निचलौल पर गंभीर लापरवाही का मामला सामन आया। ग्राम सेमरी निवासी पीड़ित पूर्णवासी अपनी बीमार बेटी का इलाज कराने बुधवार की भोर करीब 3 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा। पीड़ित के मुताबिक, वहाँ तैनात डॉ. राजेश ने इलाज के दौरान बाहर से एक निजी पैथालॉजी कर्मी को बुलाया और जांच के नाम पर 1000 रुपये की मांग की गई। जब पीड़ित ने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए इतनी बड़ी रकम देने से असमर्थता जताई, तो डॉक्टर भड़क उठे और अपमानजनक लहजे में मरीज को बाहर ले जाने को कहा। पूर्णवासी ने आरोप लगाया कि विरोध करने पर डॉक्टर ने तत्काल बेड खाली करने का दबाव बनाया और बेहोश बेटी को वार्ड से बाहर निकाल दिया गया। मजबूरी में परिजन ने गंभीर हालत में बच्ची को अस्पताल परिसर में घास पर लिटा दिया। घटना सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत बयां करती है, जहाँ गरीबों को मुफ्त इलाज का अधिकार होने के बावजूद पैसे की मांग कर उन्हें अपमानित और दर-दर भटकने को मजबूर किया जाता है। इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी श्रीकांत शुक्ला का कहना है कि जांच कर कार्यवाही की जाएगी।
जिला प्रभारी विजय पाण्डेय की रिपोर्ट