*CAA के विरोध-प्रदर्शन की फोटो और वीडियो भी आईएसआई एजेंट राशिद ने वाराणसी से पाकिस्तान भेजे*


*आर्मी इंटेलिजेंस और एटीएस की गिरफ्त में आए राशिद की पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंटों से इसी 13 जनवरी को भी संपर्क हुआ था। इसका स्पष्ट संकेत मिलने के बाद भारतीय खुफिया एजेंसियों ने घेरेबंदी की और राशिद को गिरफ्तार कर लिया। राशिद से पूछताछ में पता चला है कि आईएसआई की नजर नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में भारत में जगह-जगह चल रहे धरना-प्रदर्शन और उग्र विरोध पर भी नजर थी*।

*राशिद ने 19 दिसंबर को लखनऊ में हुए उग्र प्रदर्शन का वीडियो और फोटो पाक एजेंटों को मुहैया कराया था। दिसंबर और जनवरी में उसने बीएचयू और लखनऊ से जुड़ी कई फोटो तथा वीडियो शेयर किये थे। बीएचयू में पिछले साल कई मुद्दों पर हुए विरोध-प्रदर्शन की तस्वीरें व वीडियो भेजे गए। राशिद ने प्रधानमंत्री की रैलियों, उनकी जनसभाओं की तस्वीरें भी भेजी। एटीएस के मुताबिक कई रैलियों की तस्वीरें राशिद की मोबाइल में मिली हैं।*

*फ्लैक्स का काम करने के कारण राशिद यूपी के अलग अलग हिस्सों में आता जाता था। वह जहां भी जाता वहां की महत्वपूर्ण तस्वीरें मोबाइल से खींचने के बाद पाकिस्तान भेजता था। राशिद सेना के साथ सीआरपीएफ के ठिकानों की रेकी कर चुका है। उसने साहूपुरी सीआरपीएफ कैंप, अमेठी व रायबरेली सीआरपीएफ कैंप, सुब्रतो चौक, वाराणसी कैंटोनमेंट, गंगा आरती, विश्वनाथ मंदिर, बीएचयू, इलाहाबाद का किला आदि की तस्वीरें पाकिस्तान भेजी थीं। प्रधानमंत्री मोदी की वाराणसी में रैली की तस्वीरें भी भेजी थी। इन सूचनाओं के एवज में पाकिस्तानी एजेंसियों ने रशीद को पैसे और गिफ्ट भी भेजे थे।*

चंदौली वाराणसी सीमा पर मुगलसराय थाना क्षेत्र के पड़ाव में स्थित चौरहट गांव में अपने नाना के यहां राशिद रहता था। उसकी गिरफ्तारी से परिजनों के साथ ही ग्रामीण भी स्तब्ध हैं। परिजनों का कहना है कि राशिद दो बार पाकिस्तान अपनी मौसी के घर गया था। वह कब आईएसआई का एजेंट बन गया, इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी।

चौरहट गांव निवासी जब्बार की बड़ी बेटी हसीना का पाकिस्तान के कराची और दूसरी बेटी शहजादी का वाराणसी के छित्तपुर में इदरीश अहमद से निकाह हुआ है। राशिद के जन्म के कुछ दिन बाद ही शहजादी और इदरीश का तलाक हो गया। कुछ दिन तक शहजादी अपने बेटे राशिद के साथ मायके चौरहट में रही। उसके बाद वाराणसी के लोहता निवासी सुल्तान से निकाह होने के बाद बेटे राशिद को ननिहाल में ही छोड़कर लोहता रहने लगी। राशिद अपने ननिहाल में ही पला-बढ़ा। आठवीं तक पढ़ाई के बाद राशिद वाराणसी के औरंगाबाद में फ्लैक्स बोर्ड बनाने वाले कारखाने में काम करने लगा।*********************************************

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