रणधीर सिंह का होटल और रेस्टोरेंट
गोरखपुर। गोरखपुर के असुरन चौराहे से लेकर के मेडिकल कॉलेज तक बनने वाले फोर लेन सड़क पर स्थित एक होटल और रेस्टोरेंट को लेकर पिछले कई सालों से विवाद चलता चला रहा है। आज रेस्टोरेंट संचालक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया है कि लोक निर्माण विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा उच्च न्यायालय के आदेशों को दरकिनार करते हुए उनके निर्माण को ध्वस्त करने का दबाव उनपर बनाया जा रहा है। इस भवन के मालिक रणजीत सिंह ने आरोप लगाया कि साल 2014 से एचएन सिंह चौक पर 1 एकड़ 38 डिसमिल का बैनामा लेकर उस पर वह व्यवसायिक प्रतिष्ठान चला रहे हैं। लेकिन इस जमीन पर बने होटल और रेस्टोरेंट को लोक निर्माण विभाग द्वारा बार-बार अनाधिकृत निर्माण बताया जा रहा है और इसे ध्वस्त करने का दबाव बनाया जा रहा है।
रणधीर सिंह ने साल 2018 में गोरखपुर न्यायालय सिविल के समक्ष वाद दाखिल किया था जिसमें दोनों पक्षों को सुनने के बाद गोरखपुर न्यायालय से स्थगन आदेश पारित कर दिया गया लेकिन इस आदेश को भी लोक निर्माण विभाग एवं जिला प्रशासन मानने को तैयार नहीं था। इसके बाद रणधीर सिंह ने गोरखपुर न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में अपील किया जिसपर लोक निर्माण विभाग और रणधीर सिंह को सुनने के बाद स्थगन आदेश देते हुए अदालत ने निर्देश दिया है कि कोई भी कार्यपालक या प्रशासनिक अथॉरिटी आदेश का उल्लंघन ना करते हुए विधिक प्रक्रिया अपनाकर कार्यवाही करें।
न्यायालय का आदेश है कि भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा तथा पुनर्वास अधिनियम 2013 के अंतर्गत भूमि अधिग्रहित कर उसका उचित प्रतिकर निर्धारित कर भुगतान किया जाए। पत्रकार वार्ता के दौरान रणधीर सिंह का आरोप है कि आए दिन जिला प्रशासन द्वारा अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है और माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है जिससे वह मानसिक रूप से पीड़ित हैं। जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग करते हुए रणधीर सिंह ने न्याय की गुहार लगाई है। वहीं इस मामलेे में जिला प्रशासन के द्वारा कुछ भी टिप्पणी नहींं की जा रही है। संबंधित अधिकारियों का पक्ष आने पर उसे भी प्रकाशित किया जाएगा।