*बाइक पर दो सवारियों के बिठाने पर रोक, लापरवाह दुकानदारों की बंद होंगी दुकानें
*कोरोना संक्रमण के मुद्दे पर हाईकोर्ट में 07 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
*कहा, कोरोना गाइडलाइन के नियमों का कड़ाई से नहीं हुआ पालन तो अदालत करेगी कार्रवाई
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब सख्ती से कोरोना गाइडलाइन लागू की जाएगी। कोरोना को लेकर केंद्र व राज्य सरकार की गाइड लाइन के पालन में लापरवाही की शिकायतों पर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को सख्त चेतावनी दी है। कोर्ट ने कहा कि अगर वह नियमों का कड़ाई से पालन नहीं कराएंगे तो अदालत को कार्रवाई करनी पड़ेगी। प्रदेश के क्वारंटीन सेंटरों की दुर्दशा व अस्पतालों में इलाज की बेहतर सुविधाओं को लेकर कायम जनहित याचिका की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने कोरोना को लेकर सरकार के उपायों पर असंतोष जाहिर किया। कोर्ट ने कहा कि यूपी में कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। लोगों ने अनलॉक का गलत मतलब निकाल लिया है। जिला प्रशासन और पुलिस की जिम्मेदारी है कि दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन कराये।
कोर्ट ने कहा कि जब तक बहुत जरूरी न हो, पति-पत्नी के अलावा दोपहिया वाहनों पर दो सवारियों की अनुमति न दी जाए। कोर्ट ने महानिबंधक को 12 घंटे में आदेश की प्रति प्रदेश के सभी जिलाधिकारी, एसएसपी व एसपी को भेजने का आदेश दिया है।
अदालत ने प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि दो फिजिकल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने के नियमों का पालन नहीं करने वाले दुकानदारों की दुकानें बंद कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। लापरवाह पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई के दिये। इसके अलावा अस्पताल, नर्सिंग होम और क्लीनिक में भी कड़ाई से सोशल डिस्टेंसिंग के पालन का आदेश दिया।
7 अगस्त को अगली होगी सुनवाई
कोरोना टेस्ट रिपोर्ट आने में हफ्तों की देरी पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए सीएमओ प्रयागराज से 20 जुलाई से पांच अगस्त के बीच टेस्ट की तारीख व रिपोर्ट देने की तारीख के ब्योरे के साथ हलफनामा मांगा है। अदालत ने कहा कि सरकारी आंकड़ों से लगता है कि कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन यह बढ़ रहा है। सरकारी व्यवस्था में खामी के चलते लोग प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। कोरोना की जांच रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है। इन सभी मुद्दों पर सात अगस्त को सुनवाई होगी।