*रायबरेली के डॉक्टरों ने VIDEO बनाकर दिखाया दर्द- रहने-खाने का घटिया इंतजाम, टॉयलट जाम*

*कोरोना वायरस (Coronavirus) का इलाज कर रहा रायबरेली मेडिकल स्टाफ दोहरी परेशानी से जूझ रहा है. उसे कोरोना पीड़ितों के संपर्क में आने के खतरा तो है ही. सरकार की बदइंतजामी भी दर्द बढ़ा रही है*

*रिपोर्टर रतन गुप्ता*


*रायबरेली. (Coronavirus) के कहर से डरकर जब सारी दुनिया ठहर सी गई है, तब डॉक्टर और उनका सहयोगी स्टाफ दिन-रात इस महामारी से लड़ रहा है. यही कारण है कि इन्हें कोरोना फाइटर्स कहा जा रहा है. आम जनता इनके सम्मान में तालियां बजा रही हैं. लेकिन इन डॉक्टरों के प्रति सरकारी अमले की लापरवाही जस की तस है. तभी तो ऐसे डॉक्टरों को जो कोरोना की वजह से घर भी नहीं जा रहे हैं, उन्हें रहने की ऐसी जगह दी जा रही है, जहां ना तो* *खाने-पीने का इंतजाम है और ना टॉयलेट जाने का*.

*उत्तर प्रदेश के रायबरेली (Rae Bareli) जिले में ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां कोविड-19 (COVID-19) रोगियों का इलाज करने वाले डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ एक तरह से एक्टिव क्वारंटाइन हो गए हैं. सरकार ने ऐसे डॉक्टरों के रहने और खाने-पीने का इंतजाम किया है. लेकिन यह इंतजाम कैसे हैं, इसकी पोल उन तीन वीडियो ने खोल दी, जो डॉक्टरों ने बनाकर शेयर किए हैं. इन डॉक्टरों ने घटिया इंतजाम की शिकायत सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) से भी की*.

*इन डॉक्टरों ने दो वीडियो जारी किए. वेबसाइट ‘एनडीटीवी’ के मुताबिक पहला वीडियो अलसुबह 3 बजे शूट किया गया और दूसरा दोपहर के भोजन के दौरान. इन वीडियो से उन क्वार्टर का अंदाजा लगाया जा सकता है, जो डॉक्टरों को रहने के लिए दिए गए हैं*.

*पहले वीडियो में एक व्यक्ति कमरे के हालात दिखाते हुए कहता है, ‘अभी रात के 3 बजे है. बिजली नहीं है. एक कमरे में चार बेड हैं. पंखे काम नहीं कर रहे हैं. मैं आपको बाथरूम दिखाता हूं. मूत्रालयों में पाइप नहीं है. एक टॉयलेट जाम है. दूसरे गंदे हैं. हमें ऐसे एक्टिव क्वारंटाइन में रखा जा रहा है*.’

*दूसरे वीडियो में खाने-पीने के इंतजाम की बात हो रही है. वीडियो में एक आदमी कहता है, ‘लंच के लिए जो खाना है, उसे देखें. पॉलीथिन में पूरी-सब्जी पैक है, जो आपस में मिल गए हैं. यह उन डॉक्टरों और कर्मचारियों के लिए है, जो कोविड ​-19 के रोगियों के इलाज में जुटे हैं.**’

*बुधवार की सुबह शूट किए गए तीसरे वीडियो में एक डॉक्टर कहता है, ‘सोने की व्यवस्था ऐसी है कि बड़े हॉल में चार बेड हैं. यह एक्टिव क्वारंटाइन नियमों के खिलाफ है. जब हमने टॉयलेट जाम होने की शिकायत की, तो मोबाइल टॉयलेट का इंतजाम कर दिया गया. रात में बिजली नहीं थी. 20 लीटर पानी की बोतल देकर कहा गया कि सबको शेयर करना होगा.’ वहीं, रायबरेली के डॉक्टरों में से एक ने टिप्पणी की, ‘हम सिर्फ यह जानना चाहते हैं कि क्या ये COVID-19 रोगियों का इलाज करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए मानक हैं. यदि हममें से कोई एक संक्रमित हो जाता है तो क्या हम सभी संक्रमित नहीं होंगे?*’

*वीडियो सामने आने और डॉक्टरों की शिकायत के बाद सीएमओ ने कहा, ‘हमने सभी को पास के एक गेस्ट हाउस में शिफ्ट कर दिया है. हम वहां एक लाइव किचन की व्यवस्था कर रहे हैं, ताकि डॉक्टरों को गर्म खाना मिल सके*—–.’

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