*नेपाल की मैन्युफै क्चरिंग कंपनी सोयाबीन और पामोलीन ऑयल बिहार के रक सोल और गोरखपुर की मार्केटिंग फर्म के जरिए बरेली भेज रही है। बरेली के बगैर गुणवत्ता प्रमाण पत्र के नेपाल के तेल की बिक्री कर रहे हैं। शुक्रवार को दिनभर नेपाली तेल के आयात करने पर लगी पाबंदी के सबूत एफएसडीए के अधिकारी तलाशते रहे। कोई आदेश नहीं मिला। हेडक्वार्टर भी बात की गई। लखनऊ ने पाबंदी की बात से इनकार कर दिया।*
*चार दिन पहले एफएसडीए की टीम ने नेपाली तेल की गुणवत्ता की जांच करने के लिए गंगापुर के अशोक कुमार-सुमित कुमार और ब्रह्मपुरा के लाल चंद्र एग्रो के यहां छापा मारा था। अशोक कुमार-सुमित कुमार के यहां तेल के नमूने लेने के बाद करीब 250 टिन सील कर दिए गए। जबकि दो नमूने लाल चंद्र एग्रो के यहां से लिए गए। चारों नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं। तेल के कारोबारियों के पास नेपाल से आने वाले तेल की गुणवत्ता को लेकर कोई प्रमाण पत्र नहीं मिला। नेपाल से कौन सा तेल भेजा गया। उसकी गुणवत्ता क्या है। ऐसे तमाम सवालों का जवाब नहीं मिल सका। हालांकि तेल खरीदने के बिल जरूर कारोबारियों ने दिखा दिए। अशोक कुमार-सुमित कुमार के यहां टिन पर लेबल को लेकर आपत्ति जताई गई। लेबल आसानी से छूट रहे थे। एफएसडीए ने तेल कारोबारियों से गुणवत्ता प्रमाण पत्र लाने को कहा है*।
*नेपाल के तेल पर घमासान*
*जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी धर्मराज मिश्रा ने बताया कि नेपाल से आने वाले खाद्य तेल की बिक्री पर पाबंदी नहीं है। केंद्र और राज्य सरकार ने पाबंदी के बारे में कोई आदेश नहीं दिया है। तेल की गुणवत्ता को लेकर जरूर आशंका है। प्रयोगशाला जांच में स्थिति साफ होगी। ये हैं नेपाल के तेल के ब्रांड: पकवान, तुलसी, महालक्ष्मी और नीलकमल ब्रांड का पामोलीन-सोयाबीन ऑयल नेपाल से बरेली के बाजार में आ रहा है। ये कंपनियां दे रही सप्लाई : गोरखपुर की जय लक्ष्मी सोलवेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और बिहार के रकसोल की आर्यन इम्पेक्स बरेली में नेपाल के तेल की सप्लाई कर रहीं हैं।*