*आसमान में छाए रहे बादल रुक-रुककर होती रही बारिश भारत नेपाल बाडर पर बर्षा के चलते 10 बजे से 1 बजे तक सुरक्षा जाचँ नही हुआ लोग खुली सीमा का जम कर फैजा.उठाये *
*तराई में जनकवि घाघ की कहावत पानी बरसै आधा पूसा, आधा गेहूं आधा भूसा बुधवार को चरितार्थ दिखी। सुबह पुरवा हवाएं चलने से आसमान में बादल छा गए। पछुआ हवाएं चलन से शुरू हुई रिमझिम बारिश दिन भर तराई को सराबोर करती रही। हवाओं के झोंकों के बीच बारिश होने से तापमान लुढ़क गया। दिन का पारा 12.5 व न्यूनतम पारा 10.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। बारिश होने से गेहूं की फसल को छोड़ अन्य फसलों के नुकसान को लेकर किसान चितित दिख रहे हैं। पांच मिमी बारिश रिकार्ड की गई है। घरों में ठिठके रहे लोग, अलाव से दूर किया ठंड मौसम में हुए बदलाव से ठंड बढ़ गई है। दिन का पारा तीन डिग्री तक लुढ़कने व बारिश होने से गलन ने लोगों को परेशान किया। बारिश के चलते लोग घरों में ठिठके रहे। ठंड से बचने के लिए अलाव व हीटर से तापते दिखे। मौसम वैज्ञानिक डॉ. सिंह ने बताया कि तराई में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। इससे तापमान और नीचे जाएगा। फसलों का नुकसान, रुकेगा बढ़वार*
*पूस में बारिश होने से रबी की अधिकांश फसलों के लिए नुकसानदेह है। मौसम वैज्ञानिक डॉ. एमवी सिंह ने बताया कि मौसम साफ नहीं हो रहा है। धूप न निकलने से पौधों को जरूरी भोजन नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में बारिश होने से दलहनी, तिलहनी व सब्जियों को भारी नुकसान की संभावना है। हवाएं चलने से सरसों की फसल गिर सकती है। धूप नहीं निकला तो गेहूं की फसल पीली पड़ जाएगी। पौधों का बढ़वार भी प्रभावित होगा। 24 घंटे बरकरार रहेगा मौसम, लुढ़केगा पारा मौसम पर्यवेक्षक शंख माधव तिवारी ने बताया कि अगले 24 घंटे तक मौसम बरकरार रहेगा। पछुआ हवाएं चलने के साथ रुक-रुककर बारिश होती रहेगी। पांच मिली मीटर बारिश हुई है। 15 मिली मीटर तक बारिश होने की संभावना बनी हुई है। रैन बसेरे में इंतजाम से बेखबर जिम्मेदार*
*महराजगज , सिद्धाथनगर ,.बहराईच बाडर जिले में ठंड से जरूरतमंदों को बचाने के लिए शहर व तहसीलों में कई जगह अस्थाई रैन बसेरे बनाए गए हैं। इन रैन बसेरों में कंबल व अन्य इंतजाम नाकाफी हैं। व्यवस्था न होने से लोग बसेरे को झांक कर दूसरा ठिकाना ढूंढ़ने को विवश हो रहे हैं। शहर में चौक-चौराहों पर जलने वाले अलाव भी बुझ चुके हैं।*************************************