*रिपोर्टर. – रतन गुप्ता.सोनौली /नेपाल*
*यूक्रेन के दो नागरिकों को एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर लोगों को ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी* दी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उनके पास से कुल 137 नकली एटीएम कार्ड, नकद 4,05,500 रुपये और कार्डों की क्रम संख्या और उनके पासवर्ड वाली चार पर्चियां बरामद की गई हैं। उन्होंने कहा कि आरोपियों की पहचान माईखेलो लुकियानो (26) और मैक्सिम डोरोफिव (30) के रूप में हुई। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) समीर शर्मा ने कहा, “बुधवार को हमें टैगोर गार्डन मेट्रो स्टेशन के पास एक एटीएम पर कुछ विदेशी
यूक्रेन के दो नागरिकों को एटीएम कार्ड की *क्लोनिंग कर लोगों को ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उनके पास से कुल 137 नकली एटीएम कार्ड, नकद 4,05,500 रुपये और कार्डों की क्रम संख्या और उनके पासवर्ड वाली चार पर्चियां बरामद की गई हैं।उन्होंने कहा कि आरोपियों की पहचान माईखेलो लुकियानो (26) और मैक्सिम डोरोफिव (30) के रूप में हुई।अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) समीर शर्मा ने कहा, “बुधवार को हमें टैगोर गार्डन मेट्रो स्टेशन के पास एक एटीएम पर कुछ विदेशी नागरिकों द्वारा संदिग्ध लेनदेन की जानकारी मिली। कार्रवाई करने पर उनमें से दो को गिरफ्तार कर लिया गया।” पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि वे अपने अन्य चार साथियों के साथ यूक्रेन से अलग-अलग देशों के एटीएम कार्ड की जानकारी चुराकर भागे थे। बाद में उन्होंने होटल और गिफ्ट कार्ड में इस्तेमाल किये जाने वाले प्लास्टिक पर उन कार्डों का क्लोन बना लिया।अधिकारी ने बताया कि पर्याप्त जानकारी इकठ्ठी कर क्लोनिंग करने के बाद यह गिरोह पर्यटक वीजा पर विभिन्न देशों में नकदी निकालने के लिए जाता था। नकदी निकालने के बाद वे स्थानीय मुद्रा को डॉलर या यूरो में बदल कर अपने देश लौट जाते थे। यह गिरोह भारत में नौ नवंबर को आया। ये लोग भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम से नकदी निकाल रहे थे। यह इस गिरोह की छठी भारतीय यात्रा थी।पुलिस ने बताया कि वे अलग-अलग होटलों में रुकते थे और पास के भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम से पैसे निकालते थे। वे आव्रजन प्रक्रिया से गुजरते समय अपने शरीर में पैसे छिपा कर रखते थे।पुलिस उनके बाकी साथियों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है। पुलिस का कहना है कि क्लोन किए गए कार्डों से संबंधित जानकारी के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच जारी है।******************************************