*पुलिस मुख्यालय ने एक सर्कुलर जारी किया है. इसमें प्रदेश के सभी जिलों के बाहरी छोर पर स्थित बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और उसके आसपास नई बस्तियों की पहचान किए जाने की बात कही गई है*.
*भारत नेपाल के बाडर क्षेत्रो मे होगी जाँच घुसपैठीयो की तलाश सुरु.*
*रिपोर्टर रतन गुप्ता सोनौली /नेपाल 01 Oct 2019
एनआरसी लागू किए जाने की चर्चा के बीच उत्तर प्रदेश में अवैध घुसपैठियों की धरपकड़ के लिए अभियान शुरू किया गया है. पुलिस मुख्यालय से सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि पड़ोसी देशों से बिना सटीक दस्तावेज के प्रदेश में घुसे लोगों को चिन्हित किया जाएगा. इस कवायद से खलबली मच गई है. पुलिस अधिकारी इसे रूटीन कार्रवाई बताकर एनआरसी लागू किये जाने की बात से पल्ला झाड़ रहे हैं.********
*बीते दिनों एक अखबार से बातचीत के दौरान सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने असम की दर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी एनआरसी लागू करने की जरूरत बताई थी. उसके बाद से लगातार एनआरसी को लेकर सुगबुगाहट मची हुई थी. इसी बीच पुलिस मुख्यालय से अवैध विदेशियों के खिलाफ अभियान चलाने को लेकर एक सर्कुलर जारी किया गया. इसमें प्रदेश के सभी जिलों के बाहरी छोर पर स्थित रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, रोड के किनारे और उसके आसपास नई बस्तियों की पहचान किये जाने की बात कही गई है*.
*पुलिस मुख्यालय ने आशंका जताई है कि इन जगहों पर बांग्लादेशी और दूसरे विदेशी नागरिक अवैध रूप से शरण लेते हैं। ऐसे में निर्देश दिए गए हैं कि सतर्कता के साथ सभी का वेरिफिकेशन किया जाए और इस कार्य की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जाएगी. जांच में अगर संबंधित व्यक्ति अपना पता अन्य राज्यों, जिलों में बताता है तो वहां से भी उसका वेरिफिकेशन कराया जाए*.
पुलिस अधिकारियों को यह भी कहा गया है कि कहीं किसी विदेशी नागरिक ने भारत में अपने प्रवास को नियमित करने के लिए कोई फर्जी दस्तावेज तो नहीं लगाए हैं. इसके अलावा जिन लोगों की जांच की जाए उनके राशन कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, शस्त्र लाइसेंस, पासपोर्ट और आधार कार्ड की गहराई से छानबीन की जाए. अगर इन्हें बनवाने में कोई फर्जीवाड़ा किया गया है तो तुरंत जांच के बाद उन्हें रद्द करवाया जाए. इसके अलावा अवैध रूप से रहने वाले विदेशी नागरिकों के फिंगर प्रिंट लेकर राज्य फिंगर प्रिंट ब्यूरो भेजा जाएगा. वहां ऐसे लोगों का कंप्यूटराइज्ड डाटा जिलावार रखा जाएगा. इस तरह पूरी पड़ताल के बाद अवैध विदेशी नागरिकों को पहचान कर उन्हें देश से निकालने के लिए गृह विभाग को भेजा जाएगा.*********************************