सिंदुरिया (महराजगंज)सिंदुरिया थाना के सिंदुरिया निवासी उदयभान गुप्ता पुत्र स्व० जगलाल ने पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र सौंपकर न्याय की मांग किया है। उन्होंने अपने शिकायती पत्र के माध्यम से बताया कि मेरे पिता चार भाई हैं जिनका क्रमशः नाम जगलाल, मुखुत, रामाज्ञा, सुदामा हैं। वहीं प्रार्थी के बाबा श्यामलाल द्वारा अपने जिवित रहते ही समस्त जमीन,मकान, खेत, खलिहान का बटवारा कर दिये थे जिसमें प्रार्थी के बाबा श्यामलाल के नाम से दो ग्राम सभा सिन्दुरिया व मुजहना बुजुर्ग में जमीन था। जिसमे प्रार्थी के बाबा श्यामलाल द्वारा बटवारा को लेकर एक वसीयत नामा तहरीर दिनांक 20-03-1989 किया गया था जिसमें सिन्दुरिया की समस्त जमीन प्रार्थी के पिता जगलाल को दिया गया था तथा मुजहना बुजुर्ग की समस्त जमीन व मकान, खेत, खलिहान मुखुत, रामाज्ञा, सुदामा को दे दिया गया था तथा बटवारा होने के बाद सभी लोग अपने-अपने हिस्से पर काबिज दाखिल होकर अपना मकान सहन निर्माण कर उपयोग कर रहे थे। तथा वर्तमान समय में सिन्दुरिया की जमीन मूल्यवान हो गयी है तथा प्रार्थी के पिता की मृत्यु हो जाने के बाद प्रार्थी के चाचा सुदामा व मुखुत की नियत बदल गई है तथा प्रार्थी के हिस्से वाली जमीन को हड़पने की नियत से नाप जोख करने लगे और मेरे द्वारा मना किया गया तो वो सब आमदा फौजदारी हो रहे कि इसी बीच पुनः हिस्से को लेकर एक इकरारनामा दिनांक-20-02-2011 को बनाया गया जिसमे काफी लोगो के समझाने बुझाने के बाद प्रार्थी के पिता जगलाल व रामाज्ञा को सिन्दुरिया में हिस्सा दिया गया व मुखुत और सुदामा को मुजहना बुजुर्ग में हिस्सा दिया गया जिस पर सभी लोग अपने-अपने हिस्से पर काबिज दाखिल होकर अपना मकान सहन निर्माण कर उपयोग उपभोग करते चले आ रहे हैं कि दिनांक-04-07-2025 को समय करीब सुबह 9 बजे प्रार्थी के हिस्से की जमीन हड़पने की नियत से पट्टीदार सुदामा पुत्र श्यामलाल, मुखुत पुत्र श्यामलाल, मदन पुत्र मुखुत, जगदीश पुत्र मुखुत, राजेश पुत्र सुदामा, दिनेश पुत्र सुदामा, गुद्धी पत्नी दिनेश, अमरजीत पुत्र जगदीश, पानपत्ती पत्नी मुखुत, रितिक पुत्र राजेश, सुरीत पत्नी राजेश, हृदेश पुत्र दिनेश एक राय होकर हाथ में लाठी, डंडा, ईंट, लोहे की रॉड लेकर आये जबरदस्ती निर्माण करने की नियत से नींव खोदने लगे प्रार्थी द्वारा अपने हिस्से में नींव खोदने से मना किया तो वह सब मुझे भद्दी-भद्दी गाली देते हुये जान से मारने की नियत से दौड़ा लिये प्रार्थी डरकर अपने दुकान के अन्दर भागा तो उक्त सभी लोग प्रार्थी के दुकान के अन्दर घुसकर लाठी, डंडा, ईंट, लोहे की रॉड से मारने पीटने लगे। मेरे शोर करने पर मुझे बचाने आये मेरे पुत्र रिंकू गुप्ता व मेरी पत्नी को उक्त सभी लोगो द्वारा मारा पीटा गया। उक्त लोगो के मारने पीटने से मुझे व मेरे पुत्र को काफी चोटे आयी तथा अगल बगल के लोगो को आता देख सभी मुलजिमानगण मुझे जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए और दुकान के अन्दर रखा सामान नष्ट कर दिया उक्त घटना की सूचना तत्काल सिन्दुरिया थाने में दिया। स्थानीय थाने की पुलिस न तो मेरी व मेरी पत्नी व लडके के शरीर पर आयी चोटों की डाक्टरी करायी और न ही प्राथमिकी दर्ज की। प्रार्थी ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाया है कि उक्त अभियुक्तों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
