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“लोगों के दिलों में आज भी जिंदा हैं साहित्यकार डॉ. घनश्याम पांडेय”

क्रासर: मातारानी रुमाली देवी पीजी कॉलेज में मनाई गई साहित्यकार डॉ. घनश्याम पांडेय की पुण्यतिथि

झनझनपुर (महराजगंज)जवाहरलाल नेहरू स्मारक पीजी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य, सिटीजन फोरम के संस्थापक अध्यक्ष एवं साहित्यकार डॉ. घनश्याम पांडेय की चौथी पुण्यतिथि पर रविवार को मातारानी रुमाली देवी महिला पीजी कॉलेज नदुआ बाजार में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कलकत्ता विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. अमरनाथ शर्मा ने कहा कि डॉक्टर पांडेय बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उनके व्यक्तित्व में साहित्य, समाज और राजनीति तीनों बसता था। उनकी लेखनी में प्रसिद्ध गजलकार दुष्यंत कुमार की झलक दिखती है। उन्होंने अपने जीवन में कभी समझौता नहीं किया। वह सदैव साहित्य और समाज के लिए जिए। इसीलिए समाज में आज भी डॉक्टर पांडेय जिंदा हैं। विशिष्ट अतिथि डॉक्टर आरके मिश्र ने कहा कि डॉ. घनश्याम पांडेय एक शिक्षक ही नहीं बल्कि समाज और देश के कुशल प्रहरी व नायक थे। साहित्य के क्षेत्र में उनका अतुलनीय योगदान है। समाजसेवी विमल पांडेय एवं डॉ. शांतिशरण मिश्र ने कहा कि स्व. घनश्याम पांडेय अपने जीवन काल में साहित्य के साथ सामाजिक सेवाओं को प्राथमिकता दी तथा जनपद मुख्यालय निर्माण से लेकर चानकी घाट के आंदोलन तक संघर्ष किया। श्रद्धांजलि सभा में महाविद्यालय के सभी शिक्षकों कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं ने डॉक्टर पांडेय के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके बताए गए आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। प्रबंधक आदित्य श्यामदेव ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। संचालन प्रदीप प्रसाद ने किया। इस मौके पर मुख्य नियंता धर्मेंद्र यादव, दुर्विजय पटेल, डा. अमित पटेल, डॉ. पूनम वर्मा, बृजेश मिश्रा, साधना पांडेय, राजकुमार वर्मा, देशदीपक, देवेंद्र गुप्ता, अश्वनी कुमार, पूजा जायसवाल, सूर्यकांति विश्वकर्मा, निरमा चौरसिया मौजूद रहे।

 

झनझनपुर संवाददाता – रंजीत शर्मा की रिपोर्ट

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