महराजगंज:-गांव के मजदूरों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कर मजदूरों को दूसरे प्रदेश में पलायन से रोकने के लिए चलाई जा रही मनरेगा योजना जिम्मेदारों के चलते भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गई है. ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक, पंचायत सचिव “ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर” (खंड विकास अधिकारी) जिनके द्वारा इस योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।निचलौल विकास खंड में मनरेगा योजना में जमकर हो रहा भ्रष्टाचार ढेशो गवों में मनरेगा योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. जब इसकी जमीन स्तर पर पड़ताल की गई तो मनरेगा योजना में हो रही भ्रष्टाचार की कलई परत दर परत खुलकर सामने आने लगी. जो गांव में कभी साइड पर नहीं जाते हैं उनके नाम से साइड पर कार्य करते हुए आनलाइन मास्टरोल में हाजिरी लगा दी जाती है.
मनरेगा योजना से हो रहें कार्य स्थल कार्य शुरू होने और समाप्ति तक डिस्पले बोर्ड नहीं लगा ।
ढेसो ग्राम पंचायत में मनरेगा से चल रही सभी परियोजनाओं की पड़ताल की गई तो मस्टरोल में हाजिरी लगी मजदूरों की जो फोटो अपलोड की गई हैं वो पुराने फोटो को लगाकर अपलोड कर रोजाना फर्जी हाज़िरी लगाई जा रही। इस ग्राम पंचायत के परियोजनाओं में एक ही फोटो दिखाई दे रही है। इन परियोजनाओं पर बिना मजदूर लगाए पहले के फोटो को अपलोड कर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। ढेसो में मनरेगा योजना के तहत एक परियोजना पर चकबंद पर मिटटी भराई कार्य चल रहा है।
बिना काम कराये लग रही मनरेगा श्रमिकों की फर्जी हाजिरी, दो सप्ताह में तीन लाख रुपए से उपर की धांधली आई सामने परियोजना ढेसो में बिंदा देवी के खेत से उत्तर पश्चिम पिच रोड और पूरब रामदुलारे के खेत तक चकबंध कार्य पर प्रतिदिन आठ मस्टरोल में 71 मजदूरों की हाज़िरी फर्जी एक सप्ताह से लगाई जा रही । पड़ताल में मौके पर परियोजना में श्रमिक नदारद रहे और कार्य कागजों में होता पाया गया जबकि श्रमिको की आनलाइन हाजिरी लगी पाई गई। मनरेगा योजना में चल रहे फर्जीवाड़े पर जिम्मेदार अधिकारी फर्जी कार्य में समलित है इस संबंध में खण्ड विकास अधिकारी शमा सिंह ने कहा की जांच करवा कर दोषी के खिलाफ़ कार्यवाही की जायेगी।
निचलौल तहसील प्रभारी-विजय पाण्डेय की रिपोर्ट