गडौरा (महाराजगंज) पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से महाराजगंज होकर भारत की तरफ बहने वाली जिले की आधा दर्जन पहाड़ी नदियों से खेती-बाड़ी सहित जनजीवन पर बाढ़ आने से काफी असर पड़ता है।
ठूठीबारी कस्बे के बगल से हो कर आने वाली चंदन नदी मानसून आने के बाद नेपाल के पहाड़ों पर होने वाले बरसात से बहता हुआ बाढ़ का पानी विकराल रूप के साथ महाराजगंज जिले में प्रवेश करता है। जहां लोगों की खेती बारी चौपट हो जाती है वही भारी बरसात के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है।
इससे ठूठीबारी क्षेत्र के लगभग डेढ़ दर्जन ग्राम पंचायतों के दर्जनों पूरवो में बाढ़ का पानी घुसकर तबाही मचाता है। लगभग 40 से 50 हजार की आबादी किस से प्रभावित होती है।
चंदन नदी के ओवरफ्लो होने पर बाढ़ से बचाने वाली बांध जर्जर हो चुके हैं। पिछले साल आई भारी बरसात के कारण टूटी हुई बंधे का निर्माण नहीं होने से यहां इस क्षेत्र के ग्रामीण बाढ़ की आशंका से भयभीत हैं। ग्रामीणों के साथ बेजुबान जानवरों को भी चारे आदि का संकट झेलना पड़ता है।
पिछले वर्ष चंदन नदी में जर्जर बंदे को कई जगह तोड़कर आबादी को भारी नुकसान पहुंचा ही थी। जहां जनप्रतिनिधियों के साथ पहुंची जिले के जिम्मेदार अधिकारियों ने बंधे की मरम्मत समय से करने के लिए वादा किया था लेकिन यह वादा सिर्फ आश्वासन का घूंट बनकर रह गया। मानसून आने में 2 सप्ताह का वक्त है। इस बीच जिला अधिकारी सत्येंद्र कुमार जी से गांव के लोगों अपील कर रहे है मीडिया द्वारा जल्द से जल्द इसे ठीक कराए चंदन नदी के किनारे बसने वाले लोग भरवालिया,
तूरकहिया, नवाबारी, बसंतपुर लोहरौली लक्ष्मीपुर खुर्द सीतला पुर सहित डेढ़ दर्जन ग्राम पंचायत के ग्रामीणों में बाढ़ को लेकर दहशत व्याप्त है।
गडौरा सवांददाता-अब्बास अली को रिपोर्ट