*मदरसा शिक्षकों को 48 माह से मानदेय न मिलने पर मदरसा शिक्षक भुखमरी के कगार पर*

मदरसा आधुनिकीकरण योजना भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई के शासन काल के द्वारा 1998 में मदरसों के आधुनिकीकरण करने के लिए मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को हिंदी, गणित, अंग्रेजी, विज्ञान आदि विषय पढ़ाने के लिए नियुक्ति की गई थी। आधुनिकीकरण योजना फेल होती नजर आ रही है।मदरसे में पढ़ाने वाले मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को स्नातक की डिग्री पर ₹6000 एवं 2000 राज्यांश,पर स्नातक / बीएड की डिग्री पर 12000 केन्द्रांश एवं 3000 राज्यांश केंद्र व राज्य सरकार देती चली आ रही थी लेकिन केंद्र सरकार द्वारा 48 महीने से केन्द्रांश जारी नहीं होने के कारण मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक भुखमरी के कगार पर पहुंच गए। मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों की उम्मीद टूटती नजर आ रही है।कई जनपदों के आधुनिकीकरण शिक्षक मानदेय नही मिलने के कारण फाँसी लगाकर आत्महत्या तक कर चुके है।

इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष तसौवर हुसैन का कहना है सरकार मदरसा शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है आज सरकार के गलत सोंच व रवैये के कारण मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है।

इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष नूरूल हसन सिद्दीकी का कहना है केंद्र सरकार अपने वादे पर खरी नहीं उतर रही है। 48 महीने से फूटी कौड़ी मदरसों के पढ़ाने वाले मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षको के खाते में नहीं आया जिसके कारण अब केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही आधुनिकीकरण योजना दम तोड़ती नजर आ रहे हैं।

संघ के लक्ष्मीपुर ब्लॉक के अध्यक्ष नागेन्द्र गौड़ का कहना है। मदरसों में पचास फीसदी हिंदू शिक्षक पढ़ाते हैं। केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार मदरसों को बर्बाद करने पर लगे हुए हैं जिसके कारण मदरसे में पढ़ाने वाले हिंदू शिक्षको का भरोसा सरकार पर से उठने लगा है।

संघ के मिठौरा ब्लॉक अध्यक्ष दव्वीर हसन का कहना है मदरसे में पढ़ाते हुए बारह वर्ष हो गये है
समय से मानदेय नही मिलने हम लोगो का जीवन बदहाली के कगार पर है। सरकार मानदेय देने में सक्षम नही है तो उन्हें इस योजना को बंद कर देना चाहिए। जिससे हम लोग रोजगार के अन्य अवसर
तलाश कर सकें।

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