*संसद में उठा प्याज का मुद्दा, 120 रुपये किलो तक पहुंचे दाम; सरकार ने दी सफाई*

*संसद में लिखित सवालों के जवाब में सरकार ने स्पष्ट किया है कि देश के सभी जगहों पर समान मूल्य पर प्याज की बिक्री का कोई प्रस्ताव नहीं है।*…

*देश में प्याज की मची किल्लत से बढ़ी महंगाई का मुद्दा मंगलवार को संसद में जोरशोर से उठाया गया। संसद के दोनों सदनों में इस मसले पर सरकार को घेरने की कोशिश की गई। संसद परिसर में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर धरना दिया। उन्होंने सरकार पर प्याज घोटाला करने के आरोप भी लगाये। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस ने इस पर सरकार की आलोचना करते हुए सदन से बहिर्गमन भी किया*।
*प्याज की महंगाई पर आप नेताओं और पासवान के बीच ट्वीटर वार*
देश में प्याज की कम पैदावार होने की वजह से कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। हालांकि, आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, जिसके तहत प्याज का आयात भी किया जा रहा है, लेकिन संसद में यह मुद्दा जमकर उठाया गया। इसके अलग प्याज की महंगाई पर आप नेताओं और केंद्रीय उपभोक्ता मंत्री राम विलास पासवान के बीच ट्वीटर पर आरोप प्रत्यारोप लगाये गये।

*सुशील गुप्ता प्याज की माला पहने संसद पहुंचे*
*संसद के दोनों सदनों में सुबह की बैठक होते ही प्याज की किल्लत और बढ़ी कीमतों पर विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला बोला। आप के सांसद संजय सिंह और सुशील गुप्ता प्याज की माला पहने संसद पहुंचे और परिसर में गांधी जी की मूर्ति के पास प्रदर्शन किया। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्याज के मुद्दे पर सरकार पर हमला बोला और कहा कि प्याज के आयात के बावजूद कीमतें घट नहीं पा रही हैं। किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के साथ अन्याय हो रहा है। कई और आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सदन का बहिर्गमन किया*।

*32 हजार टन प्याज गोदामों में सड़ गई*
*उधर, राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता केके रागेश ने* उठाते हुए सरकार पर प्याज घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जमाखोर इसका जमकर लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के कई हिस्सों में प्याज के मूल्य 120 रुपये किलो तक पहंच गये हैं। सरकार के बयान का हवाला देकर उन्होंने कहा कि 32 हजार टन प्याज गोदामों में सड़ गई है, जिसे समय से बाजार में जारी कर दिया गया होता तो कीमतें इतने ऊपर नहीं पहुंचती। उन्होंने हैरानी जताने के अंदाज में कहा कि आखिर अक्‍टूबर और नवंबर में हर बार प्याज की कीमतें बढ़ क्यों जाती हैं? इस पर समय रहते ध्यान क्यों नहीं दिया जाता है। उन्होंने सरकार इस मसले में कारगर हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि प्याज की कीमतें काबू में आ सकें।

*1.2 लाख टन प्याज आयात मसौदे को मंजूरी*

संसद में लिखित सवालों के जवाब में सरकार ने स्पष्ट किया है कि देश के सभी जगहों पर समान मूल्य पर प्याज की बिक्री का कोई प्रस्ताव नहीं है। यह जानकारी उपभोक्ता मामलों के राज्यमंत्री दानवे राव साहब दादाराव ने लोकसभा में दी। उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार प्याज के आयात में कोई विलंब नहीं कर रही है। पिछले महीने ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1.2 लाख टन प्याज आयात मसौदे को मंजूरी दी, जिस पर कार्यवाही तेजी से चल रही है।*********************************************

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