*भारत नेपाल बाडर.पर.से बिहार और यू पी.से.भारी पैमाने.मे भारतीय धान नेपाल कस्टम के देख रेख मे 500 टक भेजे गये जिससे बस्ती मे धान ही गायब हो गये * धान क्रय *केंद्रों में चल रहे फर्जीवाड़े की जांच कर बस्ती के डीएम ने सख्त कार्रवाई की है। डीएम आशुतोष निरंजन ने साधन सहकारी समिति बायपोखर के केंद्र प्रभारी पर केस दर्ज करवाकर जेल भेजने के निर्देश दिए।*
*डीएम ने लिया ऐक्शन*
*किसानों को उनकी फसल की अच्छी कीमत दिलाने के लिए इन दिनों धान क्रय केंद्र खोले गए हैं लेकिन फिर भी बिचौलियों की मनमानी जारी है। इसकी पड़ताल करने के लिए बुधवार को डीएम आशुतोष निरंजन धान क्रय केंद्रों में पहुंचे। डीएम ने जांच में पाया कि धान खरीद केंद्रों को सक्रिय हुए करीब महीने भर का वक्त होने वाला है लेकिन कहीं बिलकुल भी खरीद नहीं हुई तो कहीं मामूली खरीद दिखाकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है*।
*ऐक्शन में आए डीएम ने साधन सहकारी समिति बायपोखर के केंद्र प्रभारी पर केस दर्ज करवाकर जेल भेजने के निर्देश दिए। इस लापरवाही पर* पीसीएफ के जिला प्रबंधक के विरुद्ध भी कार्यवाही के लिए शासन को अवगत कराया। डीएम आशुतोष निरंजन साऊंघाट के साधन सहकारी समिति बायपोखर धान खरीद केंद्र का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। डीएम की जांच में सामने आया कि पिछले 26 दिनों से क्रय केंद्र चल रहा है और महज 3.30 कुंतल की खरीद ही यहां हो सकी है। यह खरीद भी 11 और 12 नवंबर को हुई थी। इसके बाद क्रय केंद्र ने किसानों का धान नहीं खरीदा।
जिन चार किसानों से धान खरीदा गया था, उनके भुगतान का रजिस्टर भी मेनटेन नहीं था। केंद्र पर रखे खरीद के रजिस्टर पर कोई एंट्री नही थी। केंद्र प्रभारी स्टॉक रजिस्टर भी नहीं दिखा पाए। यहां तक कि वह नमी मापने वाली मशीन भी सेट नहीं कर पाए। इस पर नाराज हुए डीएम ने केंद्र प्रभारी अजय कुमार वर्मा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने और जेल भेजने का निर्देश दिया। इसके बाद डीएम देवरिया माफी धान क्रय केंद्र पर गए। यहां पर भी धान खरीद शून्य पाई गई*।
डीएम ने इस स्थिति पर असंतोष जताते हुए पीसीएफ के जिला प्रबंधक के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए शासन को संस्तुति करने का निर्देश दिया। इसके बाद डीएम ने नवीन मंडी में चल रहे खाद्य विभाग के धान क्रय केंद्र का निरीक्षण किया। यहां पर कुल 113 किसानों से 9059 कुंटल धान खरीद की गई थी। सभी किसानों को 1.66 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है, लेकिन दो चावल मिलों से बैंक गारंटी नही मिल पाने के कारण धान की आपूर्ति नहीं हो रही थी। दोनों धान मिलों और केंद्र प्रभारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया। डीएम ने पाया कि परिवहन ठेकेदारों द्वारा अभी तक डिजिटल सिग्नेचर नहीं बनाए गए हैं। इसके लिए उन्होंने आरएफसी को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया।*****************************(**********