महराजगंज: विकास खंड मिठौरा क्षेत्र के ग्राम सभा गौनारिया राजा टोला पोखरहवा में प्रवासी मजदूर रामभजन यादव का शव 18 दिन बाद कुवैत से गांव पहुंचा। शव घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। परिजन शव से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगे तो वहीं मौजूद ग्रामीणों की आंखें भी नम हो गईं। करीब पांच माह पहले रामभजन तीसरी बार रोजी-रोटी की तलाश में कुवैत गए थे। वहां वे खेती-बाड़ी का काम करते थे। पत्नी शकुंतला यादव ने रोते हुए बताया कि आखिरी बार 28 अगस्त की सुबह मोबाइल पर उनसे बात हुई थी। शाम को उन्होंने सिर दर्द की शिकायत बताई थी, जिसके बाद उनका संपर्क टूट गया। 30 अगस्त को उनके एक साथी ने फोन कर अस्पताल में इलाज के दौरान हुई मौत की खबर दी। लंबी कानूनी व प्रशासनिक प्रक्रिया के बाद आखिरकार 17 सितम्बर को उनका शव गांव पहुंचा। शव देखते ही परिवार सहित पूरे गांव में मातम छा गया।
मृतक रामभजन की तीन नन्ही बेटियां रागिनी (10), महिमा (7) और अंशिका (2) पिता की मौत से बेसुध हैं। रागिनी ने रोते हुए कहा पापा बोले थे कि जल्दी लौटेंगे और बहुत सारे खिलौने लाएंगे, लेकिन अब वो कभी नहीं आएंगे। गांव के लोगों का कहना है कि परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। अब परिजनों के सामने आगे के जीवन की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
संवाददाता – श्रवण कुमार वर्मा
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