निचलौल(महराजगंज) स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों को स्वच्छ व रोगमुक्त बनाने का सपना विकास खंड निचलौल के ग्राम सभा रुद्रौली में मज़ाक बन गया है। जून माह में स्वच्छता मद से ₹32,970 खर्च किए जाने का दावा किया गया जिसमें ब्लीचिंग पाउडर, मेलाथियान, एंटी लार्वा दवा, घास जलाने की दवा और चूना जैसी सामग्रियों की खरीद शामिल है। मगर जमीनी हकीकत इस दावे से बिल्कुल उलट है। गांव की नालियां गंदगी से अटी पड़ी हैं, चारों ओर दुर्गंध और घास का अंबार है, और मच्छरों का आतंक लोगों का जीना मुहाल कर रहा है। ग्रामवासियों उमेश, मुक्तिनाथ, रामआसरे और संदीप का कहना है कि पिछले चार महीनों से गांव में कोई सफाईकर्मी नजर नहीं आया। नालियों में भरा पानी बीमारियों को न्योता दे रहा है, लेकिन पंचायत और प्रशासन आंख मूंदे बैठा है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह पूरा मामला केवल कागजों पर “काम दिखाने” और सरकारी धन हड़पने का है। ₹32,970 की रकम आखिर गई तो कहां? क्या ये सफाई सामग्रियाँ वाकई खरीदी गईं या फिर बिलों के सहारे भ्रष्टाचार की मोटी परत चढ़ा दी गई, सहायक विकास अधिकारी विनय पांडेय ने भले ही “जांच और कार्यवाही” की बात कही है, लेकिन हकीकत में न कोई जांच शुरू हुई और न कोई जवाबदेही तय की गई। अधिकारी सिर्फ “हिला हवाली” की नीति पर चल रहे हैं इस संबंध में डीपीआरओ से जानकारी लेना चाहे लेकिन उनके द्वारा मेरे मोबाइल नंबर को ब्लॉक कर दिया गया। वहीं मुख्य विकास अधिकारी का कहना है कि जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई निश्चित की जाएगी।
जिला प्रभारी विजय पाण्डेय की रिपोर्ट