सीएमओं साहिबा रोक पायेगी सरकारी डाक्टरो का प्राइवेट प्रैक्टिस

निचलौल(महराजगंज)सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर प्रदेश सरकार सख्ती कर रही है,मगर कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे अधिकांश सरकारी डॉक्टर अपने आवास पर ही प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं। निचलौल, प्रदेश सरकार ने निर्देश दिया है कि सरकारी डॉक्टरों के प्राइवेट प्रैक्टिस करते पकड़े जाने पर डॉक्टरी की डिग्री निरस्त करने के साथ ही हॉस्पिटल का लाइसेंस भी निरस्त किया जाएगा। उनसे नॉन प्रैक्टिस अलाउंस भी वसूला जाएगा। इसके बाद भी प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक नहीं लगी है। सामुदायिक स्वास्थ केंद्र निचलौल मे नियुक्त डाक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं। इन्होंने अपने आवास को ही क्लीनिक बना लिया है इनका कोई पंजीकरण भी नहीं है।जबकि इनका सरकारी अस्पतालमे डिवटी रहता। बावजूद ये दिन 12बजे तक अपने आवास पर करते है इलाज। सूत्रों के हवाले मिली जानकारी डाक्टर हॉस्पिटल कैम्पस के आवास पर मरीजों को प्राइवेट मे 200रुपये प्रति मरीज से फीस लिया जाता। वही हॉस्पिटल मे सुबह से शाम तक आवास पर भीड़ लगा रहता। अस्पताल से ज्यादा मरीज आवास पर बौठकर डाक्टरो का इंतजार करते। इससे ये अंदाजा लगाया हा सकता की सरकारी हॉस्पिटल मे अच्छा इलाज नहीं होता। लेकिन वही डाक्टर अपने आवास पर इलाज करते तो मरीज ठीक हो जाते।

निचलौल तहसील प्रभारी-विजय पाण्डेय की रिपोर्ट

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