बौने काला नमक धान के जनक डा ए.के. सिंह, निदेशक आई.ए. आर. आई. ने कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती का किया भ्रमण।

बस्ती(ब्यूरो)आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती का भ्रमण डॉ.ए.के. सिंह,निदेशक , भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली ,श्रीयुत गोविंद राजू एन.एस. आयुक्त, बस्ती ,मंडल बस्ती एवं डॉ बी.एन. सिंह, चेयरमैन शोध एवं विकास केंद्र गोरखपुर ने किया. उन्होंने काला नमक धान की विभिन्न प्रजातियों का ट्रायल एवं मूंगफली अनुसंधान संस्थान जूनागढ़, गुजरात की मूंगफली की विभिन्न प्रजातियों का ट्रायल तथा पाली हाउस में लगे हुए खीरा, शिमला मिर्च, चेरी टमाटर, परवल की फसल एवं नेट हाउस में फल पौध नर्सरी एवं फलों की मातृ पौधशाला ,ड्रैगन फ्रूट, लोगन फूड, एकीकृत फसल प्रणाली, बरबरी बकरी पालन इकाई, कड़कनाथ मुर्गी पालन ,मधुमक्खी पालन, वर्मी कंपोस्ट, अजोला इकाई ,गुण प्रसंस्करण कांप्लेक्स ,कम अवधि की अरहर ,मडुआ की फसल आदि का निरीक्षण किया तथा प्रसन्नता व्यक्त की और इस केंद्र को तकनीकी एवं कृषकों की आय संवर्धन के रूप में विकसित करने हेतु वैज्ञानिकों की सराहना की।मंडलायुक्त श्रीयुत गोविंद राजू एन.एस., ने काला नमक धान उत्पादक कृषक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए अपने संबोधन में कहा कि काला नमक धान एक जनपद एक उत्पाद के रूप में चयनित है. इसके क्षेत्रफल और बढ़ाने की आवश्यकता है. इस केंद्र द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली के सहयोग से जो ट्रायल लगाया गया है वह जैव विविधता का एक अच्छा मॉडल है जिससे भविष्य में काला नमक धान के उत्पादन के क्षेत्रफल में वृद्धि होगी. किसानों को फसल के उत्पादन मे बीज शेधन, बायो पेस्टीसाइड ट्राइकोकार्ड आदि नवीनतम तकनीकों को भी अपनाए एवं कृषि आधरित यूटयुब चैनल ,फेसबुक पेज बनाएं जिससे अधिक से अधिक किसान जुडकर खेती की नई -2 तकनाकों को प्राप्त कर सकें। किसानों को काला नमक धान की खेती को अपनाने पर जोर दिया तथा बताया कि इस धान के विक्रय में जनपद में कोई परेशानी नहीं होगी. भारत सरकार की मंशा के अनुरूप कृषकों की आय दोगुनी करने हेतु इस केंद्र पर एकीकृत फसल प्रणाली का मॉडल उपलब्ध है जिसे अपनाकर आप स्वरोजगार के साथ ही साथ अधिक आय अर्जित कर सकते हैं।डॉ. ए.के. सिंह ने अपने संबोधन में किसानों से कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ,काला नमक की उत्पादकता एवं सुगंध को बढ़ाने के लिए निरंतर नए शोध करके अधिक उत्पादन देने वाली झुलसा रोगरोधी प्रजातियां विकसित कर रहा है। .यह नवीनतम प्रजातियां इस जनपद में कितनी उपयुक्त है उसी के उद्देश्य से 11 केंद्रों पर काला नमक धान का ट्रायल लगाया गया है. जिसे आप सभी को देखना चाहिए क्योंकि इन्हीं प्रजातियों में से उपयुक्त प्रजाति का चयन करके आप सभी को इसके बीज उपलब्ध कराए जाएंगे तथा इसके उत्पादन की तकनीकी जानकारी भी प्रदान की जाएगी. बस्ती जनपद के काला नमक धान की ख्याति पूरे भारत में है परन्तु इसे और विस्तार करने की जरूरत है. जिससे कृषकों को इसके उत्पादन से अधिक आय अर्जित हो सके. उन्होनें धान उत्पादक कृषकों का समूह एवं व्हाटसग्रुप बनाने पर बल दिया जिससे किसानों को तकनीकी सूचना समय -समय पर उपलब्ध होती रहे। उन्होनें बताया कि किसानों के लिए यूटयुब चौनल पर हर षनिवार को षाम 7 बजे पूसा समाचार का लाइब प्रसारण होता है. जिसे किसानों को देखना चाहिए।
डॉ. बी. एन. सिंह. चेयरमैन शोध एवं विकास केंद्र गोरखपुर ने अवगत कराया कि काला नमक धान की महत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसकी मांग आज पूरे भारत में है तथा इसका अच्छा दाम भी लोग दे रहे हैं. इसलिए इनकी उत्पादन व उत्पादकता को बढ़ाने के लिए विभिन्न जनपदों में ट्रायल आयोजित किए जा रहे हैं. जिससे जनपद की जलवायु के अनुरूप उपयुक्त प्रजाति का चयन किया जा सके. डॉ सिंह पूर्व में भारत सरकार के राष्ट्रीय सलाहकार तथा एशियाई डेवलपमेंट बैंक और संयुक्त राष्ट्र संघ की शाखा एफ.ए.ओ. के सलाहकार भी रह चुके हैं तथा ख्याति प्राप्त धान वैज्ञानिक भी हैं जिनके दिशा निर्देश में काला नमक धान के ट्रायल लगाए जा रहे हैं।
केंद्र के अध्यक्ष प्रो. एस. एन. सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए अवगत कराया कि काला नमक धान के उत्पादन क्षेत्र को बढ़ाने हेतु विगत कई वर्षों से इसका ट्रायल लगा जा रहा है तथा चयनित उपयुक्त प्रजाति का बीज उत्पादित करके इस केंद्र के माध्यम से विक्रय भी किया गया है तथा आगे भी किया जाएगा .इसके साथ ही काला नमक धान के उत्पादन एवं विक्रय हेतु एक कृषक उत्पादक संगठन सिद्धार्थ प्रोड्यूसर कंपनी की स्थापना कराई गई है जो कृषकों द्वारा उत्पादित धान को खरीदती है. इस केंद्र पर आय संवर्धन हेतु विभिन्न कृषि प्रणाली के मॉडल विकसित किए गए हैं जिसे अपनाकर किसान स्वरोजगार एवं आय अर्जित कर सकते हैं।
प्रगतिशील किसान श्री अरविंद सिंह, काला नमक धान की नवीनतम प्रजातियों का ट्रायल किसानों के प्रक्षेत्र पर भी लगवाया जाय। अरविंद पाल ने अनुरोध किया कि किसानों को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली का भ्रमण कराया जाय तथा वहां की विकसित प्रजातियो के बीज उपलब्ध कराया जाय।
अतिथियों द्वारा मूंगफली की विभिन्न प्रजातियों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया जिसमें टी.ए.जी.37ए एवं नित्या हरिथा इस प्रकार की प्रजातियां है, जो वर्ष में दो बार फरवरी-मार्च में व मई-जून में बोई जा सकती है .यह मूंगफली प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र रही. इस कार्यक्रम में जनपद के विभिन्न प्रगतिशील किसान जैसे कि आज्ञाराम बर्मा, रामपुरन चौधरी, शिवपूजन सिंह, हर्षवर्धन सिंह ,अवधेश पांडे दीनानाथ चौधरी ,अंजनी सिंह ,रघुनाथ सिंह ,सिद्धांत सिंह, संगीता, फूलमती चंद्रावती, सुमित्रा देवी, प्रेम प्रकाश सिंह, अहमद अली ,हरीश चंद्र पांडे ,शिव प्रसाद चौधरी ,श्याम नारायण चौधरी, आशुतोष मिश्रा ,गीता सिंह,ऋषभ त्रिपाठी ,कृष्ण मोहन सिंह ,संजय कुमार पांडे, बंदना , राममूर्ति मिश्रा, ,परमानंद सिंह तथा केंद्र के वैज्ञानिक बीना सचान एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे।

बस्ती मण्डल प्रभारी-
पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट

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