*रिपोर्टर रतन गुप्ता सोनौली /नेपाल*
*मायावती के इस कदम से बस्ती जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर अब पार्टी का कोई बड़ा चेहरा नहींं रह गया है। पार्टी के इस फैसले से आहत हरैय्या विधानसभा के पूर्व उम्मीदवार विपिन शुक्ल ने भी पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है।*
*पूर्व मंत्री और कप्तानगंज से पांच बार विधायक रह चुके बीएसपी नेता रामप्रसाद चौधरी की उम्र बढ़ने के साथ ही उनकी राजनीतिक मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पूर्व मंत्री रामप्रसाद चौधरी समेत चार पूर्व विधायकों को पार्टी से निकाल दिया है।*
*मायावती के इस कदम से बस्ती जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर अब पार्टी का कोई बड़ा चेहरा नहींं रह गया है। पार्टी के इस फैसले से आहत हरैय्या विधानसभा के पूर्व उम्मीदवार विपिन शुक्ल ने भी पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है।*
*पहले भी दी गई थी चेतावनी*
पूर्व मंत्री रामप्रसाद चौधरी, पूर्व विधायक राजेन्द्र चौधरी, पूर्व विधायक जितेंद्र उर्फ नंदू चौधरी और पूर्व विधायक दूधराम को ऐसे समय मे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है जब अन्य राजनीतिक दल 2022 की तैयारियों में जुट गए हैं। बीएसपी के चारों पूर्व विधायक को पार्टी से निष्काषित करने की पुष्टि करते हुए बीएसपी जिलाध्यक्ष संजय धुरिया ने बताया कि पार्टी सुप्रीमो की तरफ से पहले भी इन नेताओं को चेतावनी दी गई थी, लेकिन इनकी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं नजर आया। रामप्रसाद चौधरी समेत अन्य नेता लगातार पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल रहे। आगामी चुनाव में पार्टी और मूवमेंट हित को ध्यान में रखते हुए मायावती ने इन्हें निकाल दिया है।’
लोकसभा, विधानसभा चुनावों में हार हो सकती है वजह
*वहीं पूर्व मंत्री रामप्रसाद चौधरी पूर्वांचल में बीएसपी के बड़े नेताओं में शुमार थे। कुर्मी बिरादरी में मजबूत पकड़ होने के कारण लोग इन्हें ‘शेरे पूर्वांचल’ के नाम से पुकारते थे। पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मिली हार को पार्टी से निष्कासन का कारण माना जा रहा है। पार्टी के इस फैसले से नाराज बीएसपी के एक नेता ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर तंज कसते हुए कहा, ‘राज गया लेकिन उनकी सियासत का अंदाज़ आज भी वैसा ही है। ना सुनना उन्हें नाफरमानी लगता है।’*****************************************