एक कमरे में लैब, बिना डॉक्टर की जांच

निचलौल(महराजगंज)पैथोलॉजी लैब संचालक जांच के नाम पर मरीजों की जान से खेल रहे हैं। निचलौल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अगल बगल में दो से चार जांच घर चलाए जा रहे हैं। ये सभी जांच घर मानकों को ताक पर रखकर चलाए जा रहे हैं। इनके पास न तो पर्याप्त जगह है न ही डॉक्टर। जो बड़े जांच घर हैं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निचलौल के गेट के अगल बगल सामने जांच घर का बोर्ड टंगा है। अमर भारती की टीम जब प्रवेश की तो सीढ़ी के नीचे दो व्यक्ति बैठे मिले। जब पूछा गया कि जांच यहां पर होता है क्या, तो बताया गया कि यहां पर केवल खून एवं पेशाब की जांच की जाती है। एक पौथालोजी से डॉक्टर के बारे में पूछा गया तो बोले फिलहाल कोई डॉक्टर नहीं है। यह लैब मानकों को ताक पर रखकर एक छोटे से कमरे में चल रही है। यहां पर न तो मरीज को बैठने की जगह है। न ही पेयजल की सुविधा। कमरे में भी अंधेरा पसरा है। मरीजों के लिए वेटिंग रूम भी नदारद। प्रत्येक जांच घर में कम से कम तीन शौचालय होना चाहिए, यहां पर एक। इस तरह की स्थिति सभी पैथोलैब की है, किसी जांचघर में आवश्यक संसाधन भी नहीं हैं। प्रत्येक जांच केंद्र पर मरीज एवं उनके परिजनों के बैठने के पर्याप्त सुविधा होनी चाहिए। जांच घर में कम से कम तीन शौचालय होने चाहिए। एक फ्रीज अनिवार्य होना चाहिए। कोई भी लैब एसी होना अनिवार्य है। रक्त संग्रह के लिए समुचित संसाधन होना भी जरूरी है। लैब के बगल में डॉक्टर का चेंबर होना चाहिए। मरीजों के लिए एक वेटिंग रूम होना चाहिए। लैब में प्रकाश की समुचित व्यवस्था होना जरूरी है। लैब से निकलने वाले रसायनिक तत्व अत्यंत खतरनाक होते हैं। उनके रखरखाव एवं निष्पादन के लिए समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।

निचलौल तहसील प्रभारी-विजय पाण्डेय की रिपोर्ट

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