निचलौल(महराजगंज)धान की फसल में छिड़काव के लिए यूरिया की मांग बढ़ती जा रही।दूसरी ओर, यूरिया की तस्करी बढ़ गई है। नेपाल से सटे ठूठीबारी में यूरिया के लिए किसान दुकानों का चक्कर लगा रहे, लेकिन उन्हें जरूरत के हिसाब से खाद नहीं मिल पा रही है। नेपाल में बड़े पैमाने पर खाद की तस्करी होने से क्षेत्र के किसानों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं, भारतीय बाजार में भी खाद की कालाबाजारी शुरू हो गई है। भारतीय क्षेत्र में भंडारित खाद को तस्कर बाइक और साइकिल से ठूठीबारी मरचहवा, आदि रास्तों से सीमा पार भेज देते हैं। वहां इसकी कीमत आठ सौ से एक हजार रुपये तक मिल जाती है। वहीं, भारत में यूरिया की सरकारी कीमत 266 रुपये है, लेकिन यह कालाबाजारी के कारण 350 से 400 रुपये तक बिक रही है। खाद तस्करी रोकने के लिए शासन ने नेपाल सीमा से समीप क्षेत्रों में खाद के लाइसेंस पर प्रतिबंध लगाया है।
भारतीय किसानों को बीना आधार कार्ड के खाद्य नही दिया जा रहा लेकिन जो तस्कर है उन्हे किसी प्रकार का कोई आईडी नही लिया जा रहा है ठूठीबारी से अन्य कई रास्ते है जहा से मोटरसाइकिल के रास्ते इंडिया की गाढ़ी पर दो से तीन बोरी यूरिया नेपाल ले जाया जा रहा है यूरिया ले जा रहे तस्कर ने जानकारी दी ठूठीबारी मरचहवा रोड पर राधाकुमारी गेट के बगल में एक दुकान है जहा से हम लोग लाते है किसी प्रकार का कोई आईडी नही देते है।
निचलौल तहसील प्रभारी-विजय पाण्डेय की रिपोर्ट