निचलौल(महराजगंज)केंद्र की मोदी सरकार की सबसे सफल योजनाओ की बात करे तो वही है स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार घर घर शौचालय तो बनवा रही है लेकिन गांव को स्वच्छ बनाने के लिए सामुदायिक शौचालय का निर्माण करा रही है जिससे हर ब्लाक मे करोडो -करोड़ो रुपया खर्च किया गया है सरकार की मंसा यही है की स्वच्छ हो गांव ताकि स्वच्छता रहेगी तो बीमारी कम होगी। निचलौल विकास खंड के कई गांवों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है। हालांकि इसका लाभ अभी ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। निर्माण के बाद शौचालयों में ताला लटक रहा है। ऐसे में ग्रामीण खुले में शौच करने के लिए विवश हैं। निचलौल, अधिकांश ग्राम पंचायतों में निर्मित सामुदायिक शौचालयों में ताला बंद है। ऐसे में शौचालय शो-पीस बनकर रह गए हैं। इनकी देखरेख और सफाई की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दी गयी है लेकिन अभी तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। ऐसे में कई गांवों में सामुदायिक शौचालयों का ताला नहीं खुल सका है।निचलौल ब्लाक के ग्रामसभा टिकुलहिया,करमहिया झुलनीपुर,बड़ेपुरवा, करमहिया टोला अमडी, बाली मे दो-दो ताला लटका दिखा। ग्रामीणों को उम्मीद थी कि अब खुले में शौच के लिए नहीं जाना होगा लेकिन निर्माण पूरा होने के बाद यहां ताला लटक गया। ग्रामीण का कहना है कि शौचालय करीब चार माह से बंद पड़ा है। स्वच्छता के प्रचार-प्रसार पर सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन नतीजा वही का वही है। करमहिया मे ताला खुला लेकिन यूरिनल सीट व पानी की व्यवस्था गायब।करमहिया टोला अमडी मे अभी सीट, पानी व गड्डे की सिलपट गायब। सचिव व प्रधान के मिली भगत से पैसा भुगतान कर के बंदरबाटकर लिया गया और शौचालय अधूरा छोड़ दिया गया इस सम्बन्ध मे मुख्य विकास अधिकारी से जानकारी लेना चाहे लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ।
निचलौल तहसील प्रभारी-विजय पाण्डेय की रिपोर्ट