*उत्तर प्रदेश में 1450 फर्जी गोल्डेन कार्ड निरस्त*


*आयुष्मान भारत योजना में बड़े पैमाने पर प्रदेश में प्रदेश में फर्जी गोल्डेन कार्ड बन जाने से चिंतित स्वास्थ्य विभाग ने आनन-फानन में सर्वे करा कर फिलहाल साढ़े 14 सौ फर्जी गोल्डेन कार्ड निरस्त कर दिए है। बाकी कार्ड निरस्त करने की प्रक्रिया में हैं। फर्जी गोल्डेन कार्ड बनाने वाले गिरोह का आजमगढ़ और झांसी में भंडाफोड़ हुआ है। दोनों जिलों के सीएमओ ने एफआईआर भी दर्ज कराई है। इनमें आजमगढ़ से एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया है। ****

*गोल्डेन कार्ड के लिए राशन कार्ड का केवल नंबर जरूरी: आयुष्मान भारत योजना को संचालित करने वाली संस्था स्टेट एजेन्सी फॉर कॉम्प्रहेन्सिव हेल्थ एंड इन्ट्रीग्रेटेड सर्विस (साचीज) गोल्डेन कार्ड बनवाने के लिए जरूरी राशन कार्ड को अपलोड करने की व्यवस्था बंद कर दी है। अब केवल राशन कार्ड का नम्बर जरूरी कर दिया गया है। आधार कार्ड पर बने राशन कार्डों के नम्बर मिलाने के बाद ही गोल्डेन कार्ड बनेगा।*

*80 हजार की जांच में आठ हजार गोल्डेन कार्ड संदिग्ध : विभागीय अधिकारियों का मानना है कि कई लोगों ने फर्जी राशन कार्ड बनवाए और उसे योजना की वेबसाइट पर अपलोड कर गोल्डेन कार्ड बनवा लिए। कम्प्यूटर जनरेटेड राशन कार्डों को फर्जी बनाया जाना संभव है। साचीज को पास जब यह जानकारी आई तो उसने अब तक बने सभी 80 लाख गोल्डेन कार्ड की जांच कराई। साचीज ने पाया कि करीब आठ हजार गोल्डेन कार्ड संदिग्ध हैं। एक-एक कार्ड की जांच की तो अब तक 1445 कार्ड निरस्त कर दिए हैं। दावा किया गया कि किसी भी फर्जी गोल्डेन कार्ड का इलाज में उपयोग नहीं किया गया।*

एक कार्ड पर 10 से ज्यादा लाभार्थी तो होगी जांच
साचीज ने गोल्डेन कार्ड में एक और प्रतिबन्ध लगाया है। अब गोल्डेन कार्ड पर परिवार के अधिकतम 10 लोगों का लाभ दिया जा सकता है। इसके ऊपर पर खुद परिवार के मुखिया को एक-एक पारिवारिक सदस्य को सत्यपित करना पड़ेगा। आठ हजार गोल्डेन कार्डों की जांच में भी एक गोल्डेन कार्ड पर 10 से ज्यादा लाभार्थियों के बारे में भी जांच की जा रही है। ******************************************

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