निचलौल(महराजगंज)आज के दिन हर व्यक्ति छोटा बच्चा भी पिकनिक मन्ने के लिए खेत सिवान में खाना बनाते नजर दिखे कैसे लोग जाने की आज के ही तिथि पर पिकनिक मन्ना है अन्य किसी और तिथि को क्यों नहीं? 1 जनवरी 2022 का इंतजार कर रहे थे लोग । कई लोग पुरानी यादों को छोड़कर नए साल में एक नई शुरुआत करने चाहते हैं। आईए जानते हैं
कि आखिर 1 जनवरी को ही क्यों नया साल मनाया जाता है। नया साल 1 जनवरी को नहीं मनाया जाता था। 1 जनवरी को नया साल मनाने की शुरुआत 15 अक्तूबर 1582 में हुई थी। पहले नया साल कभी 25 मार्च को, तो कभी 25 दिसंबर को लोग मनाते थे। रोम के राजा नूमा पोंपिलस ने रोमन कैलेंडर में बदलाव कर दिया जिसके बाद जनवरी को साल का पहला महीना माना गया। इससे पहले मार्च को साल का पहला महीना कहा जाता था। मार्च का नाम मार्स (mars) ग्रह पर रखा गया है। मार्स यानी मंगल ग्रह को रोम में लोग युद्ध का देवता मानते हैं। सबसे पहले जिस कैलेंडर को बनाया गया था उसमें सिर्फ 10 महीने होते थे। ऐसे में एक साल में 310 दिन होता था और 8 दिन का एक सप्ताह माना जाता था।रोमन शासक जूलियस सीजर ने कैलेंडर में बदलाव किया। सीजर ने ही 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत की थी। जूलियस द्वारा कैलेंडर में बदलाव करने के बाद साल में 12 महीने कर दिए गए। जूलियस सीजर ने खगोलविदों से मुलाकात की, जिसके बाद पता चला कि धरती 365 दिन और छह घंटे में सूर्य की परिक्रमा करती है। इसको देखते हुए जूलियन कैलेंडर में साल में 365 दिन कर दिया गया।
निचलौल तहसील प्रभारी – विजय पाण्डेय की रिपोर्ट
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