ठूठीबारी(महाराजगंज)
ठूठीबारी में एस एस बी और पुलिस प्रशासन , एनसीसी के छात्रों द्वारा जनरल रावत की आत्मा को शांति के लिए मोमबत्ती जलाकर जनरल रावत को श्रधांजलि दी और अमर रहे अमर रहे का नारा भी लगाया गया।तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार दोपहर जब सेना के एमआई-17वी-5 हेलीकॉप्टर क्रैश होने की खबर आई तो पूरा देश सन्न रहा गया। इस हेलिकॉप्टर में देश के चीफ आफ डिफेंस स्टाफ यानी सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत कई लोग सवार थे। शाम होते-होते वह खबर आई, जिसने हर भारतवासी की आंखें नम कर दीं, खबर थी रावत के निधन की। इस हादसे में उनकी पत्नी मधुलिका समेत 13 अन्य लोगों की भी जान चली गई।जनरल बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में हुआ था। उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए थे। उनकी मां का संबंध परमार वंश से था। जनरल रावत की प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के कैंबरीन हॉल स्कूल और शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल से हुई। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडक वासला से जुड़े। इसके बाद भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में प्रवेश लिया। यहां उन्हें ‘सोर्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया।उन्होंने सरकार को चीन और पाकिस्तान से बढ़ते खतरों के मद्देनजर इंटीग्रेटेड कमान की सख्त जरूरत पर विस्तृत रिपोर्ट दी थी। सरकार की तरफ से भी उन्हें पूरा सहयोग मिल रहा था। उनसे जुड़े अधिकारियों के मुताबिक जनरल रावत इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए 63 साल की उम्र में भी ओवरटाइम काम कर रहे थे। यह फैसला लिया जा चुका था कि युद्ध की स्थिति में जल, थल और वायुसेना से मिल कर बने थिएटर कमान सीधे सीडीएस के तहत काम करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, जनरल रावत चार इंटीग्रेटेड थिएटर कमान के तहत पूर्वी और पश्चिमी भाग में दो लैंड ओरिएंटेड कमान, एक मेरिटाइम कमान और एक एयर डिफेंस कमान के गठन पर काम कर रहे थे।जनरल रावत की आत्मा को शांति के लिए मोमबत्ती जलाकर श्रद्धाजंलि दी ठूठीबारी के नव युवा एसएसबी टीम, एन सी सी के छात्र, अतुल रौनियार,दिनेश रौनियार,विशंभर पाठक,राजकुमार, संजय रौनियार, विवेक रौनियार, नवरंग रौनियार, राजस्व नियर, प्रिंस निगम, प्रवीण मिश्रा, अरुण पाठक, बलराम पाठक, पन्ना लाल वर्मा,कृष्णा कुमार दुबे मौजूद रहे।
ठूठीबारी संवाददाता- महेश रौनियार की रिपोर्ट