*रिपोर्टर रतन गुप्ता*
*लॉकडाउन और कोरोना आपदा में दिल को झकझोर देने वाले एक से बढ़कर एक दृश्य सामने आ रहे हैं। बेबसी की अंतहीन कहानियों में शनिवार को सोनौली के इंडो-नेपाल बार्डर पर एक और अध्याय तब जुड़ गया, जब अपने घर पहुंचने की आस संजोए एक भारतीय महिला को ‘नो मेंस लैंड’ पर ही प्रसव पीड़ा शुरू हो गई।*
*बार्डर पर मौजूद अन्य महिलाओं की मदद से उसने ‘नो मेंस लैंड’ पर ही एक बच्चे को जन्म दिया। सैकड़ों की भीड़ आसपास पर्दा कर खड़ी रहीं। बार्डर पर वंश वृद्धि के बाद इस बेबसी को भी जश्न में बदलते हुए इस दंपति ने अपने बच्चे का नाम ‘बार्डर’ रखने का एलान किया। फिलहाल यह महिला इस समय अपने नवजात के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नौतनवा में भर्ती है। स्वस्थ है।*
*शनिवार को बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक भारत में एंट्री मिलने के इंतजार में ‘नो मेंस लैंड’ पर थे। इन्हीं लोगों में बहराइच जिले के छाला पृथ्वीपुरवा का रहने वाला लालाराम अपनी पत्नी जामतारा के साथ इंतजार कर रहा था। जामतारा गर्भवती थी। यह दंपति नेपाल के नवलपरासी जिले के जगत ईंट फैक्ट्री में काम करता था। लॉकडाउन में घर लौट रहा था। भारत में प्रवेश मिलने के इंतजार के दौरान ही जामतारा को प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो लालाराम बुरी तरह परेशान हो गया। उसे कुछ सूझ नहीं रहा था। आसपास सैकड़ों की संख्या में अन्य भारतीय नागरिक भी मौजूद थे। तब लोगों ने हिम्मत बंधाई। कुछ महिलाओं ने कपड़ों से इस महिला को पर्दे में किया। दोपहर में इस महिला ने वहीं ‘नो मेंस लैंड’ पर ही एक शिशु को जन्म दिया। इसके बाद भारतीय पुलिस ने महिला को एंबुलेंस से नौतनवा सीएचसी पहुंचवाया*।
*नो मेंस लैंड पर महिला को बच्चा पैदा हुआ।जैसे ही इस बारे में जानकारी हुई, जच्चा-बच्चा दोनों को तुरंत एंबुलेंस से नौतनवा सीएचसी पहुंचवाया गया।*
*अशोक कुमार, चौकी इंचार्ज-सोनौली*
*जच्चा-बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। महिला जामतारा ने बताया कि उसके दो बेटी और एक बेटा पहले से हैं। यह चौथी संतान है, जिसका नाम उसने बार्डर रख दिया है।*
*अमीषा विलियम्स, स्टाफ नर्स-नौतनवा सीएचसी*