सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतियों ने की सुख समृद्धि की कामना

सिंदुरिया(महराजगंज)सिंदुरिया स्थानीय चैराहे पर स्थित नहर की पटरियों पर छठी मईया की पूजा करती महिलाएं । छठ महापर्व के तीसरे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतियों ने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। छटी मैया का ध्यान रखकर बास की टोकरी में अनाज, फल और प्रसादी सजाकर पानी में खड़े हुए और पूजा अर्चना की। इसी के साथ पर्व के तीसरे दिन की पूजा अर्चना संपन्न हुई। सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती (महिला-पुरुष) घर पहुंचकर 36 घंटे के व्रत पारण करेंगे।छठ पूजा के तीसरे दिन व्रतियों ने घर में साफ सफाई कर स्नान किया और दैनिक पूजा की। इसके बाद छठ पूजा का प्रसाद बनाया। मुख्य रूप से ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि बनाए। बांस की टोकरियों अथवा सूप में में प्रसादी, फल, पूजन सामग्री आदि सजाई। जिसमें थाली, गन्ना, दूध, जल, गिलास, चावल, सिंदूर, दीपक, धूप, लोटा, पानी वाला नारियल, अदरक, नाशपाती, शकरकंदी, हल्दी, मूली, मीठा नींबू, शरीफा, केला, कुमकुम, चंदन, सुथनी, पान, सुपी, शहद, अगरबत्ती, धूपबत्ती, कपूर, मिठाई, गुड़, चावल का आटा, गेहूं आदि शामिल था। दिनभर अर्घ्य की तैयारी कर शाम हुई तो श्रद्धालुओं ने पूजा स्थल की ओर रुख किया।वही पानी में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। धूप-दीप जलाकर पूजा अर्चना की और लोकगीत गाए। बृहस्पतिवार सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा अर्चना की जाएगी। श्रद्धालु छठी मैया का ध्यान रखकर सुख समृद्धि की कामना करेंगे। इसके बाद व्रती एक दूसरे को प्रसाद देकर बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेंगे। आशीर्वाद लेने के बाद व्रती अपने घर आकर 36 घंटे का निर्जला व्रत खोलेंगे। व्रत खोलने के बाद स्वादिष्ट पकवान आदि परिजनों के साथ खाएंगे। इसी के साथ छठ पूजा महापर्व का समापन होगा।

उप संपादक-रिंकू गुप्ता की रिपोर्ट

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